केरल: कलस्टर की पहचान होने के बाद केंद्रीय और जिला जेलों में कैदियों और कर्मियों के लिए कोविड-19 की जांच शुरू कर दी गई है. ये फैसला पुजाप्पुरा केंद्रीय जेल में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद लिया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में पुजाप्पुरा जेल के 470 कैदी और 12 कर्मी कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए थे.
केंद्रीय और जिला जेलों में कोरोना की जांच
जेल अधिकारियों के मुताबिक 72 साल के कैदी में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि के बाद कलस्टर का मामला उजागर हुआ. उसके बाद जेल के ब्लॉक 7 में कैद बुजुर्ग को तिरुवअनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में इलाज के लिए भेजा गया. बाद में रविवार को कोविड-19 के संक्रमण के चलते उसकी मौत हो गई. हालांकि उसके संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पाया है. उसकी मौत के बाद रेपिड एंटीजेन किट्स का इस्तेमाल जेल के कैदियों और कर्मियों पर किया गया. जांच के दौरान बड़े कलस्टर का मामला सामने आया. पुजापुरप्पा केंद्रीय जेल सूबे का सबसे पुराना जेल है. उसकी स्थापना 1886 में उस वक्त हुई थी जब केरल त्रावणकोर का हिस्सा था.
दक्षिण जोन के जेल डीआईजी पी अजय कुमार ने कहा, "पुजाप्पुरा में टेस्टिंग पूरी कर ली गई है. जांच में पॉजिटिव पाए गए ज्यादातर कैदी बिना लक्षण वाले (Asymptomatic) हैं. जेल के अंदर उन्हें क्वारंटीन में भेजकर उनके स्वास्थ्य को मॉनिटर किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने मेडिकल टीम की तैनाती कर दी है. लक्षण वाले मरीजों का इलाज कोविड-अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों पर किया जा रहा है." पुजाप्पुरा जेल के कैदी की मौत पर उन्होंने बताया, "उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं. अक्सर उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल ले जाया जाता था. इलाज से पहले कैदियों के कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उसके बाद हमने ब्लॉक 7 में टेस्टिंग शुरू की. हमें आशंका है कि कर्मी कैदियों से संक्रमित हुए होंगे.
जेल के 12 कर्मी पाए गए कोरोना पॉजिटिव
300 में से करीब 12 कर्मी कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं." उन्होंने कहा कि दक्षिण जोन के जेलों में मवेलिक्कारा जेल को छोड़कर टेस्टिंग बुधवार तक पूरी हो जाएगी. तिरुअनंतपुरम जिला जेल में संक्रमित 36 कैदियों को पुजाप्पुरा केंद्रीय जेल में शिफ्ट किया गया है. यहां मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य को मॉनिटर करेगी. उत्तरी जोन के वरिष्ठ जेल अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि एंटीजेन टेस्टिंग सभी जेलों में संक्रमण का पता लगाने के लिए की जा रही है.
उन्होंने बताया कि अभी तक उनकी जेलों में कोरोना का मामला सामने नहीं आया है. उन्हें मरीज कैदियों के साथ जानेवाले पुलिस कर्मियों की संख्या को सीमित करने का आदेश मिला है. पुलिसकर्मियों के बजाए उनके साथ जेल के कर्मी जाएंगे. इस बीच केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने जेल अधिकारियों को कैदियों के लिए पर्याप्त क्वांरीटन की जगह सुनिश्चित करने को कहा है. जेलों के अंदर क्वारंटीन के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने पर जेलों के पास बने सरकारी संस्थानों में हालात सामान्य होने तक कैदियों को रखा जा सकता है.
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