Latest Trending News: तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मंगलवार को एक दिलचस्प वाक्या देखने को मिला. दरअसल, यहां ‘भगवान विष्णु को स्नान कराने’ के लिए रनवे से गुजरने वाले जुलूस ‘‘अरट्टू’’ के कारण मंगलवार दोपहर को पांच घंटे के लिए उड़ान सेवाएं बंद कर दी गईं. हवाई अड्डा मशहूर पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सदियों पुरानी इस परंपरा के लिए हर साल दो बार अपनी उड़ानों के कार्यक्रम में परिवर्तन करता है. मंदिर का यह जुलूस यहां रनवे के पास से गुजरता है.
मंदिर के ‘‘अरट्टू’’ जुलूस की वजह से हुआ ऐसा
मंदिर के ‘‘अरट्टू’’ जुलूस के साथ ही मंगलवार को अलपसी उत्सव संपन्न हो गया. हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने बताया कि उड़ान सेवाएं शाम चार बजे से रात नौ बजे तक पांच घंटे के लिए निलंबित रहीं. हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर अरबिया सहित प्रमुख विमान वाहकों की कम से कम 10 उड़ानें रद्द कर दीं गईं. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सेवाएं शाम चार बजे से रात नौ बजे तक ठप रखी गईं थीं.
दशकों से चली आ रही यह प्रथा
इस परंपरा के लिए हवाई अड्डे को बंद करने की यह प्रथा दशकों से चली आ रही है और पिछले साल अडाणी समूह द्वारा इस हवाई अड्डे का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के बावजूद भी यह रुकी नहीं है. हवाई अड्डा प्रबंधन ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘अलपसी अरट्टू जुलूस के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे से गुजरने के लिए श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा के सुचारू संचालन के वास्ते उड़ान सेवाएं एक नवंबर 2022 को शाम चार बजे से रात नौ बजे तक स्थगित रहीं.’’
क्यों रोकी जाती है उड़ान
सूत्रों के मुताबिक, ‘रनवे के पास अरट्टू मंडप है जहां मंदिर की प्रतिमाओं को जुलूस के दौरान एक रस्म के तौर पर कुछ देर के लिए रखा जाता है. मंदिर की परंपरा के अनुसार, मंदिर के देवताओं की प्रतिमाओं को साल में दो बार स्नान के लिए समुद्र में ले जाया जाता है जो हवाई अड्डे के पीछे है। 1992 में हवाई अड्डे के बनने से पहले से ही यह जुलूस इसी मार्ग से गुजरता रहा है.
(इनपुट - भाषा)
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