(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
केरल में राज्यपाल के VC पर आदेश से बवाल का क्या है पूरा मामला? क्यों निशाने पर हैं आरिफ मोहम्मद खान?
Kerala VC Letter: केरल हाई कोर्ट ने नौ में से आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है.
Kerala VC Letter: केरल में 9 विश्वविद्यालयों के कुलपति को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिनाराई विजयन सरकार आमने-सामने हैं. दरअसल, केरल के राज्यपाल और राज्य में विश्वविद्यालयों के चांसलर आरिफ मोहम्मद खान ने पिछले हफ्ते केरल के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से अपने पद से इस्तीफा देने को कहा था.
जब सभी कुलपतियों ने सोमवार की सुबह 11:30 बजे तक अपने इस्तीफे राज्यपाल को नहीं भेजे तो खान ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया. नोटिस में तीन नवंबर तक जवाब मांगे गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर के आदेश के बाद उनका अपने पदों पर बने रहने का क्या कानूनी अधिकार है? राज्यपाल के इसी कदम ने राज्य की राजनीतिक में भूचाल ला दिया है.
हाई कोर्ट ने कहा, पद पर बने रह सकते हैं
वहीं, केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को ही नौ में से आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है. जस्टिस देवन रामचंद्रन ने आठ कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था. कोर्ट ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, "वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं."
कुलपतियों ने कोर्ट से कहा कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था. कोर्ट ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके कार्रवाई की जा सकती है.
खान ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. अब औपचारिक नोटिस जारी किए गए हैं." उन्होंने कहा कि नोटिस यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित 'सर्च कमेटी' की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को 'अमान्य' घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप जारी किए गए हैं.
वहीं, खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कुलपतियों को प्राकृतिक न्याय से वंचित किया गया है. राज्यपाल ने अपने खिलाफ मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैंने केवल एक सम्मानजनक रास्ता सुझाया. मैंने उन्हें बर्खास्त नहीं किया है."
इन विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल
इस विवाद में इन विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हैं. केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वी.पी. महादेवन पिल्लई, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साबू थॉमस, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) कुलपति डॉ के.एन. मधुसूदन, मत्स्यपालन एवं समुद्र विज्ञान अध्ययन (केयूएफओएस) विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ के. रिजी जॉन, कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपीनाथ रवींद्रन.
एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ एम.एस. राजश्री, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम.वी. नारायणन, कालीकट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम.के. जयराज, थुंचथेझुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वी. अनिल कुमार शामिल हैं.