तिरुवनन्तपुरमः  केरल के सबरीमाला मंदिर में 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने आज सुबह पूजा-अर्चना की है. सबरीमाला मंदिर में 50 साल से कम उम्र की एंट्री पर रोक है. दावा किया जाता है कि ये परंपरा 800 साल पुरानी है. जिन महिलाओं ने आज मंदिर में दर्न करने का दावा किया है उनके नाम बिंदु और कनकदुर्गा हैं.


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश का आदेश दिया. आदेश के बाद तीन बार मंदिर खुला लेकिन कोई महिला प्रवेश नहीं कर सकी. कोर्ट ने पुलिस को महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी. इससे पहले कई महिलाओं ने प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो सकीं, उन्हें वापस लौटना पड़ा.


जानकारी के मुताबिक बिंदु और कनकदुर्गा ने ने रात करीब 12.30 बजे मंदिर की ओर चढ़ाई शुरू की और लगभग 3.45 बजे मंदिर पहुंच गईं. भगवान अय्यपा के दर्शन करने के बाद दोनों महिलाएं वापस लौट गईं. दोनों ने वीआईपी लॉन्ज के जरिए दर्शन की न कि 18 पवित्र सीढ़ियों के जरिए. इन दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि महिला मंदिर के अंदर तक जा रही हैं. सुरक्षा के लिहाज यह जानकारी नहीं दी गई है कि दोनों महिलाएं दर्शन करने के बाद कहां गईं.





बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कट्टरवादी हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. इन समूहों का कहना था कि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश एक धार्मिक परंपरा है, कोर्ट का फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है. केरल के राजपरिवार, मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया.


महिलाओं ने बनाई थी 620 किमी लंबी मानव श्रृंखला
केरल कल ही लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की सुरक्षा के लिए महिलाओं ने 14 जिलों से होकर गुजरने वाले हाईवे पर 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी. इस कार्यक्रम में राज्य सरकार का पूरा सहयोग था. इस ‘वीमेन वॉल' अभियान में लेखक, एथलीट, कलाकार, नेता, सरकारी अधिकारी और गृहिणी सहित विभिन्न तबके की महिलाओं ने हिस्सा लिया.


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