नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं की एंट्री के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. जिसकी वजह से स्वामी अयप्पा के इस मंदिर के आसपास तनाव बढ़ता जा रहा है. कुछ महिला संगठन मंदिर में प्रवेश के लिए मंदिर के नजदीक मौजूद हैं. तो वहीं कई महिलाएं और बच्चे इसके विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. तनाव को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि जो भी सबरीमाला मंदिर प्रार्थना करने जाएगा, उसकी रक्षा की जाएगी. प्रशासन ने मंदिर के आसपास 200 महिला पुलिसकर्मियों समेत 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात किये हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सबरीमाला मंदिर का द्वार खुल रहा है. अब तक मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को इसे असंवैधानिक करार दिया था और कहा था कि महिलाओं का मंदिर में प्रवेश न मिलना उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा था, ''शारीरिक या जैविक आधार पर महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता."
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तब मंदिर के मुख्य पुजारी, के राजीवारू ने कहा था, "मैं अदालत के फैसले का सम्मान करूंगा, लेकिन मैं चाहता हूं कि परंपरा और संस्कृति को जारी रखने की अनुमति दी जाए."
मंगलवार सुबह, बड़ी संख्या में महिलाओं समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शकारियों ने मंदिर की ओर जाने वाले वाहनों की जांच की. एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा, "हम प्रतिबद्ध हैं, चाहे जो हो जाए, हम 10 से 50 वर्ष की किसी भी महिला को मंदिर के समीप नहीं पहुंचने देंगे. यह जिंदगी और मौत का सवाल है और हम किसी भी परिस्थिति में परंपरा का उल्लंघन नहीं होने देंगे."