Amrit Mahotsav के तहत खादी इंडिया ने किया ऑल इंडिया डिजाइनर कॉम्पिटिशन का आयोजन, 3 बेस्ट डिजाइनर को किया सम्मानित
Khadi India: खादी इंडिया के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि देश के कोने-कोने तक खादी को ले जाना ही हमारा मिशन है. आधुनिक डिजाइन्स के जरिए हम युवाओं को खादी की तरफ आकर्षित कर रहे हैं.
Amrit Mahotsav: आजादी का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के तहत स्वदेशी कंपनी खादी इंडिया (Khadi India) ने आज ऑल इंडिया खादी डिजाइनर कॉम्पिटिशन का आयोजन किया है. इस आयोजन का उद्देश्य देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को खादी की तरफ आकर्षित करना है. इस प्रतियोगिता के लिए देश भर से 393 फैशन डिजाइनर्स के आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 10 डिजाइनर अंतिम प्रतियोगिता के लिए चयनित किए गए.
इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के अशोक होटल में किया गया था जिसमें 3 बेस्ट डिजाइनर्स को सम्मानित किया गया और वीनिंग अमाउंट भी दी गई. इन डिजाइनर्स के डिजाइन किए गए कपड़े खादी इंडिया के स्टोर्स पर उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं इस प्रतियोगिता की विजेता फैशन डिजाइनर स्वाति कपूर घोषित की गईं जिन्हें 10 लाख रुपये की विनिंग अमाउंट के साथ सम्मानित किया गया.
कोने-कोने तक खादी को ले जाना ही हमारा मिशन
खादी इंडिया के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि देश के कोने-कोने तक खादी को ले जाना ही हमारा मिशन है. आधुनिक डिजाइन्स के जरिए हम युवाओं को खादी की तरफ आकर्षित कर रहे हैं. प्रथम स्थान पाने वाली डिजाइनर स्वाति कपूर का कहना है, उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो इस प्रतियोगिता में जीत जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें इस सम्मान की उम्मीद नहीं थी. आगे भी खादी इंडिया के लिए अच्छे से अच्छे डिजाइन उपलब्ध कराना ही उनका लक्ष्य है.
खादी अपने डिजाइन में ला रहा है चेंज
बता दें कि बदलते जमाने के साथ ही भारतीय कंपनी खादी भी अपने डिजाइन में परिवर्तन लाती रही है. नए तरीके से खादी का डिजाइन लोगों को लुभा रहा है. युवा अलग-अलग डिजाइन के खादी कपड़े खरीदना पसंद कर रहे हैं. बाजारों में दुकानदारों द्वारा नए तरीके से खादी को प्रजेंट किया जाने लग गया है. खादी उत्पादकों द्वारा युवाओं को लुभाने के लिए कॉटन शर्ट, कोट, मफलर, गर्म शॉल, सिल्क की साड़ी, बेड शीट, रजाई, गद्दे, टोपी खादी के बाजार में आ रहे हैं. खादी कपड़ों की मांग बढ़ने से स्वदेशी को भी बढ़ावा मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले दो सालों में खादी की मांग बढ़ी है.