Lakhbir Singh Rode Death: खालिस्तानी अलगाववादी नेता लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई. इस बात की पुष्टि उसके जसबीर सिंह रोडे ने की. प्रतिबंधित संगठनों खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख रोडे पिछले कई सालों से पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ अभियान चला रहा था.
लखबीर सिंह रोडे मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था. भिंडरावाले को ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. लखबीर सिंह रोडे को भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था. वह शुरू में भारत से भागते हुए दुबई पहुंचा और बाद में पाकिस्तान चला गया.
5 बिंदुओं में समझें रोडे की कहानी
1. लखबीर सिंह रोडे भारत में प्रतिबंधित संगठन केएलएफ का प्रमुख था. वह भारत-नेपाल सीमा के पास खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स सेल का आयोजक भी था.
2. रोडे ने कई बार कबूल किया था कि वह भारत के खिलाफ हमले शुरू करने के लिए पाकिस्तानी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा था. उसे 20 किलोग्राम आरडीएक्स के साथ गिरफ्तार किया गया था और कहा गया था कि यह काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास के एक पार्षद ने उसे दिया था.
3. आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार ने पंजाब पुलिस के सामने कबूलनामे के दौरान 23 जून 1985 को एयर इंडिया 182 बम विस्फोट के मास्टरमाइंड के रूप में लखबीर सिंह का नाम लिया था. हालांकि, यह दावा अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है.
4. भारत सरकार के डोजियर के अनुसार, लखबीर सिंह रोडे पूरे भारत में वीवीआईपी को निशाना बनाने के लिए सीमा पार पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी और आपूर्ति के लिए जिम्मेदार है.
5. लखबीर सिंह का बेटा भग्गू बराड़ फिलहाल कनाडा में रह रहा है और उस पर पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है. वह अपने पिता को हथियार और धन मुहैया कराने के लिए नियमित रूप से पाकिस्तान जाता था. उस पर कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया है.