नई दिल्ली: दोषी करार दिए जा चुके खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल का नाम अब गृह मंत्रालय की सिख उग्रवादियों की काली सूची (ब्लैकलिस्ट) में नहीं है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की डिनर पार्टी में अटवाल को न्यौता दिया गया था, जिसे विवाद के बाद रद्द कर दिया गया था.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार खुफिया जानकारी और संबंधित शख्स की गतिविधियों का संज्ञान लेने के बाद समय-समय पर सिख आतंकियों की ब्लैकलिस्ट की समीक्षा करती है. अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में करीब 150 ऐसे लोगों के नाम ब्लैकलिस्ट से हटाए गए हैं जो वांछित आतंकी थे या उनके साथी थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘मौजूदा ब्लैक लिस्ट में अटवाल का नाम अब नहीं है.’’ हमेशा पंजाब सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ परामर्श करके ब्लैकलिस्ट की समीक्षा की जाती है.
अटवाल को वीजा मिलने की जांच कर रहा विदेश मंत्रालय
वहीं सरकार इन तथ्यों का पता लगा रही है कि दोषी करार दिए गए खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल को भारत आने का वीजा कैसे मिला. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज यह जानकारी दी.
रवीश कुमार ने कहा,‘‘ इसके दो पहलु हैं. एक उसका कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर है जिस पर कनाडाई पक्ष को गौर करना है. उन्होंने कहा है कि यह चूक थी और इस वजह से रात्रिभोज के लिए आमंत्रण वापस ले लिया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वीजा के बारे में, मैं तत्काल नहीं कह सकता कि यह कैसे हुआ. लोगों के भारत में आने के कई तरीके हैं, आप भारतीय नागरिक हैं या ओसीआई कार्डधारक. हम अपने मिशन से ब्यौरे का पता कर रहे हैं. हमें देखना होगा कि यह कैसे हुआ.’’ अटवाल को 1986 में पंजाब के तत्कालीन मंत्री मलकीत सिंह सिधु की वैंकुवर में हत्या का प्रयास करने का दोषी ठहराया गया है.