नई दिल्ली: टूलकिट मामले में बेंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस को निकिता जैकब और शांतनु नाम के आरोपियों की तलाश है. निकिता और शांतनु पर टूलकिट साजिश में शामिल होने का आरोप है. इस बीच एबीपी न्यूज़ को टूलकिट मामले में सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक खालिस्तानी सगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े एमओ धालीवाल ने निकिता जैकब से संपर्क किया था.


इसके लिए कनाडा में ही रहने वाले पुनीत नाम के शख्स ने मदद की. इनका मक़सद था 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना था.गणतंत्र दिवस से पहले इन सबकी एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी. इस मीटिंग में निकिता, धालीवाल के साथ दिशा भी शामिल हुई थी. सूत्रों के मुताबिक इन सभी का मकसद किसानों में अफवाहें फैलाना था.


इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि पुलिस ये भी जांच कर रही है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत दिखाने के पीछे फैलाई गई फेक न्यूज़ में भी क्या इन्हीं का हाथ था?


जानकारी के मुताबिक 26 जनवरी की घटना के बाद इन लोगों ने अंतराष्ट्रीय हस्तियों से संपर्क किया गया. दिशा रवि ग्रेटा थनबर्ग को पिछले तीन सालों से जानती थी. दिल्ली पुलिस की टीम 11 तारीख को निकिता के घर गयी थी. वहां उसके कंप्यूटर और लैपटॉप की जांच की गयी. बाद में फिर आने की बात की लेकिन तबसे निकिता पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रही है और न ही मिली.


निकिता के खिलाफ वारंट जारी, राहत के लिए हाई का रुख किया
दिल्ली पुलिस ने निकिता और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करवाया है. निकिता जैकब पेशे से वकील है और मुंबई में रहती है. वहीं दूसरी ओर गिरफ्तारी से बचने के लिए निकिता जैकब ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. निकिता की याचिका पर कल सुनवाई होगी. निकिता की लीगल टीम ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने 10 फरवरी को निकिता का बयान रिकॉर्ड किया था. ऐसे में ये कहना कि निकिता पुलिस जांच में मदद नहीं कर रही है, पूरी तरह गलत है.


क्या है टूलकिट विवाद ?
किसान आंदोलन के समर्थन में स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ट्वीट किया. ट्वीट में आंदोलन कैसे करना है, इसकी जानकारी वाले टूलकिट को साझा किया गया. टूल किट में किसान आंदोलन को बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम के बारे में बताया गया है. ट्वीट में कौन सा हैशटैग लगाना है, क्या करना है, कैसे बचना है, इसकी जानकारी दी गयी है. पहले वाले टूलकिट को डिलीट किया और दोबारा अपडेट करके ट्विटर पर शेयर किया.


टूल किट क्या है ?
डिजिटल हथियार, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. पहली बार अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान इसका नाम सामने आया था. इसके जरिए किसी भी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों जोड़ा जाता है. इसमें आंदोलन में शामिल होने के तरीकों को बारे में सिलसिलेवार ढंग से बताया जाता है.


आंदोलन के खिलाफ पुलिस अगर एक्शन लेती है तो क्या करना है, ये भी बताया जाता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है इसकी भी जानकारी दी जाती है. प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो क्या करें और किससे संपर्क करें. इसकी भी डिटेल दी जाती है.


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