Operation Amritpal: पंजाब में बीते कुछ दिनों से अलगाववादी खालिस्तीन समर्थक अमृतपाल पर पंजाब पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों ने अपना शिकंजा कस दिया. बीते तीन दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने उसको भगोड़ा घोषित करके गिरफ्तार करने का अभियान चलाया हुआ है. फिलहाल वह अभी भी एजेंसियों की पकड़ से दूर है लेकिन उसके कई साथियों को पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया है. 


अमृतपाल बीते महीने तब सुर्खियों में आया जब उसने अपने समर्थकों के साथ अजनाल पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया और अपने एक साथी को जबरन छुड़ा लिया. उसके सुर्खियों में आने के बाद बीबीसी ने उसका खालिस्तान और अजनाल को लेकर इंटरव्यू किया. उस इंटरव्यू में भी वह भारत को तोड़ने की बात करता हुआ ही नजर आया. उसने कहा, मैं खुद को भारतीय नहीं मानता हूं क्योंकि भारत एक अंब्रेला आइडेंटिटी है. 


'मैं भारत के संविधान को नहीं मानता'
बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में अमृतपाल ने कहा, मैं भारत के संविधान को नहीं मानता हूं क्योंकि मैं भारतीय नहीं हूं. उसने कहा, ये संविधान ब्रिटिशर्स का बनाया हुआ है और इसमें कोई बड़े बदलाव नहीं किए गये हैं. यह सिखों को अलग धर्म की संज्ञा भी नहीं देता है. उसने कहा, गुरुबानी के मुताबिक सिख अलग धर्म है और उसका किसी और धर्म से लेना देना नहीं है, लेकिन इसको सनातन का हिस्सा बताया जाता है. 


आप स्वतंत्र खालिस्तान की मांग क्यों करते है?
अमृतपाल ने इसी इंटरव्यू में कहा, सुप्रीम कोर्ट का मैनडेट है कि शांतिपूर्ण तरीके से खालिस्तान की बात की जा सकती है. उसने तर्क देते हुए कहा, हम जिस दौर में जी रहे हैं वहां अलगाव की बात करना कोई बुरी बात नहीं हैं. राजद्रोह जैसे कानून औपनिवेशिक कानून हैं जिसको अमल में लाना सही बात नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक खालिस्तान जिंदाबाद कहना भी कानूनी है. 


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