खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में पुलिस ने गिरफ्तार किया. हरदीप सिंह निज्जर का सहयोगी बताया जा रहा है. उसे पिछले महीने अज्ञात हमलावरों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने इस दौरान उसके वाहन और घर की तलाशी ली, जहां से अवैध हथियार बरामद हुए.
अर्शदीप गिल और गुरजंत सिंह पर अज्ञात हमलावरों ने 28 अक्टूबर को हमला किया. इस हमले में गिल घायल हो गया, जिसके बाद पुलिस को गुएल्फ़ अस्पताल बुलाया गया. पुलिस ने उनके डॉज डुरैंगो एसयूवी की जांच की, जिसमें ड्राइवर की ओर और सामने की खिड़की पर गोली के निशान मिले. इसके अलावा, गाड़ी के भीतर से दो गोलियों के खोके बरामद हुए, जिससे यह संकेत मिला कि गिल और सिंह ने भी जवाबी फायरिंग की होगी.
मुठभेड़ के बाद हुई घर की तलाशी
अर्शदीप ने पुलिस को बयान दिया कि एक अज्ञात गाड़ी उसका पीछा कर रही थी और एक गोली गलती से उसकी गाड़ी में चली गई. अगले ही दिन पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली, जिसमें एक टॉरस 9mm पिस्टल एक भरी हुई मैगजीन के साथ एक बैग में छुपाई हुई पाई गई. इसके अलावा, एक राइफल, शॉटगन और दो हाई-कैपेसिटी मैगजीन भी एक गन सेफ में मिले.
एक मैगजीन में 15 राउंड और दूसरी में 35 राउंड गोला-बारूद रखने की क्षमता थी. पुलिस ने अर्शदीप और गुरजंत को "इरादे के साथ हथियार चलाने," प्रतिबंधित हथियार रखने, सीरियल नंबर में छेड़छाड़, और बिना लाइसेंस के गोला-बारूद व हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया, क्योंकि उनके पास मिले हथियार का बैरल 80 mm लंबाई का था.
अर्शदीप पर भारत में पहले से दर्ज हैं कई केस
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, 28 वर्षीय अर्शदीप डल्ला कनाडा के सरे में अपनी पत्नी के साथ रहता है. उस पर भारत में कई जबरन वसूली, हत्या और अन्य आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामले दर्ज हैं. पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. अर्शदीप ने फेसबुक पर पंजाब के जगराांव के एक इलेक्ट्रीशियन, परमजीत सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. इसके अलावा, उसके सहयोगियों ने नवंबर 2020 में डेरा सच्चा सौदा के एक अनुयायी मनोहर लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह डेरा सच्चा सौदा के एक अन्य अनुयायी, शक्ति सिंह के अपहरण और हत्या की साजिश में भी शामिल था.
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