Khalistani Terrorist Threat: प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वो भारत के गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टारगेट करने की कोशिश करता हुआ नजर आ रहा है. आतंकी जीएस पन्नू वीडियो में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए उकसाने और साजिश रचने के लिए शाह और जयशंकर को जिम्मेदार ठहरा रहा है. साथ ही उसने अमित शाह विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की विदेश यात्रा के बारे में जानकारी देने वाले को 125000 अमेरिकी डॉलर का इनाम देने का ऐलान किया है. 


निज्जर की हत्या के बाद बवाल
गुरपतवंत सिंह पन्नू पिछले कई सालों से भारतीय एजेंसियों के टारगेट पर है. पन्नू गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की वांटेड लिस्ट में शामिल है. आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या के बाद से ही खालिस्तान से जुड़े तमाम लोग भारतीय राजनेताओं और उच्चायुक्तों को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर कई गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. 


घेराबंदी की तैयारी कर रहा SFJ 
खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने एक बार फिर भारतीय उच्चायोग और राजनयिकों के घरों की घेराबंदी का ऐलान किया है. एसएफजे ने 15 अगस्त को ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों को जुटने का आह्वान किया है और 10 सितंबर को वैंकूवर में एक बड़े सिख जनमत संग्रह की भी घोषणा की है.


अलर्ट पर हैं एजेंसियां
गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा के बाद खुफिया एजेंसी और तमाम एजेंसियां अलर्ट पर हैं. खालिस्तान समर्थक आतंकियों की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है. इसे भारतीय नेताओं के लिए खुली धमकी के तौर पर देखा जा रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्सर विदेश यात्रा पर रहते हैं, वहीं अमित शाह आमतौर पर विदेश यात्रा नहीं करते हैं. 


कनाडा सरकार पर उठ रहे सवाल
कनाडा में भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है, ऐसे में वो एक बड़ा वोट बैंक भी हैं. इसीलिए पक्ष से लेकर विपक्ष तक इस मामले में कोई भी बड़ा बयान देने के लिए तैयार नहीं है. खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ अब तक कनाडा के किसी बड़े नेता ने सख्त टिप्पणी नहीं की है. भारत ने भी आरोप लगाया है कि सिख चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई न करके कनाडा की सरकार वोट बैंक को बढ़ावा दे रही है. 


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