India On Khalistani Violence: ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में कथित खालिस्तानी हिंसा की भारत ने कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (02 फरवरी) को कहा कि उसने संबंधित अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “हम चरमपंथी तत्वों के ऐसे सभी हमलों और घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं. हम आग्रह करेंगे कि इन घटनाओं की जांच हो और दोषियों को सजा मिले.”


उन्होंने आगे कहा, “ऑस्ट्रेलिया के साथ हम अपनी चिंताएं साझा करते रहे हैं. खासतौर पर आतंकी संगठनों की गतिविधियों के बारे में. तथाकथित खालिस्तान रेफरेंडम को हम खारिज करते रहे हैं. साथ ही राजनीतिक तौर पर प्रेरित तत्वों की गतिविधियों को बताते रहे हैं.”


अरिंदम बागची ने कहा, “हमने ऑस्ट्रेलिया सरकार से कहा है कि भारतीय समुदाय के लोगों और उनकी संपत्ति की रक्षा होनी चाहिए. साथ ही कहा है कि भारतीय हितों, संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों के लिए ऑस्ट्रेलिया की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.”


कनाडा में हुई घटनाओं पर


कनाडा में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर अरिंदम बागची ने कहा, “हमने मेलबर्न की घटनाओं की निंदा करने वाले कुछ नेताओं के बयान नोट किए हैं. हम इस मामले को उठाते रहेंगे. कनाडा में हुई घटना पर आपने तोड़फोड़ की घटनाओं की निंदा करने वाला कनाडाई विदेश मंत्रालय का बयान देखा होगा. हम उनके बयान पर अपनी सहमति जताते हैं. साथ ही हम भी तोड़फोड़ की ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं.”


भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर सरकार सख्त


भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया सरकार को देश में खालिस्तानी अलगाववादियों की भारत-विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में मंदिरों में तोड़फोड़ पर रोक लगाने के लिए कह चुका है. कैनबरा में स्थित भारतीय उच्चायोग ने जनवरी के महीने में एक बयान जारी करके कहा था, “पिछले कुछ समय से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और ऑस्ट्रेलिया से बाहर के अन्य संगठनों की शह और उकसावे पर देश में खालिस्तान समर्थक तत्व अपनी गतिविधियों को तेज कर रहे हैं.”


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