Khalistani Terrorist: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने जालंधर में जनवरी 2021 में खालिस्तान टाइगर फोर्स (Khalistan Tiger Force) के कथित गुर्गों द्वारा एक पुजारी (Priest) की हत्या (Murder) के मामले में चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र विशेष अदालत (Special Court) के सामने पेश किया है. एनआईए का दावा है कि यह हत्या पंजाब में अशांति फैलाने के मकसद से कनाडा में बैठे खालिस्तान टाइगर फोर्स (Khalistani Tiger Force) के आतंकियों (Terrorist) द्वारा रची गई थी. इस मामले का मुख्य आरोपी अभी भी कनाडा में ही है.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला जालंधर जिले के गांव भरसिंहपुरा फिल्लौर में पुजारी कमलदीप शर्मा की हत्या से संबंधित है. यह तो 31 जनवरी 2021 को हुई थी और इस मामले में थाना फिल्लौर जालंधर में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था इस मामले में आरंभिक तौर पर आरोप था कि यह हत्या कमल और राम सिंह ने की है. बाद में यह मामला जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दिया गया था. एनआईए ने 8 अक्टूबर 2021 को इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी.


NIA की जांच में हुआ खुलासा
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को जांच के दौरान पता चला कि यह पूरी साजिश पंजाब में अशांति फैलाने के लिए आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स द्वारा रची गई थी. इस आतंकवादी संगठन के कनाडा में बैठे आतंकी सरगना अर्शदीप सिंह और हरदीप सिंह निज्जर ने यह पूरी साजिश रची थी. इस आतंकी संगठन की सोच थी कि पुजारी की हत्या होने से पूरे पंजाब में बवाल मच जाएगा और जगह-जगह अशांति फैल जाएगी जिसका फायदा आतंकी संगठन उठा सकेगा. आरोप है कि कनाडा में बैठे आतंकी सरगनाओं के निर्देश पर कमल और राम सिंह ने पुजारी की गोली मारकर हत्या कर दी.


4 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस पूरे मामले की गहन तहकीकात के बाद चार आरोपियों (Accused) के खिलाफ आरोपपत्र (charge sheet) कोर्ट (Court) के सामने पेश कर दिया है. एनआईए के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किया गया है उनमें हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) निवासी भरसिंह पुरा जालंधर पंजाब अर्शदीप सिंह निवासी गांव डाला थाना मेहना जिला मोगा पंजाब के अलावा गोली मारने वाले दोनों आरोपी कमल और राम सिंह शामिल है. यह दोनों भी पंजाब के स्थानीय निवासी बताए गए हैं. इन चारों के खिलाफ आरोप पत्र के बाद अभी भी एनआईए (NIA) की जांच इस मामले में जारी है.


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