मुंबईः रेलवे के माध्यम से लाखों प्रवासी लगातार मुंबई से अपने गांव जा रहे हैं, जिसका इंतजाम सरकार कर रही है. वहीं, सरकार के साथ-साथ कुछ समाजसेवी संस्था भी इस काम में जुटी हुई हैं. ये समाज सेवी संगठन इन प्रवासियों को इनके सफर के दौरान पीने का पानी और खाने का सामान देकर विदा कर रही हैं.


प्रवासी मजदूर की भीड़ में कोई अपनी बूढ़ी मां को कंधे पर लादे हुए है, तो कोई अपने बच्चों के साथ बड़े-बड़े बैग थामे तपती धूप में स्टेशन पर मौजूद है. सभी अपने गांव जाने की जद्दोजहद में जुटा है. वहीं लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन पर बहुत सारे ऐसे समाजसेवी भी मौजूद हैं, जो लोगों को पीने का पानी और खाने के पैकेट भी बांट रहे हैं.


स्टेशन पर जिन यात्रियों का नंबर आता है और वह अपनी ट्रेनों में बैठने के लिए आगे बढ़ते हैं और बाकि कतार में लगे रहते हैं. ऐसे मजदूरों को समाज सेवी पीने का पानी और खाने का सामान देकर उनको विदा कर रहे हैं. ऐसे समाजसेवियों का यह काम लगातार जारी है.


एक समाजसेवी निधि गोयल का कहना है कि जब से श्रमिक ट्रेन की शुरुआत हुई है, तब से तकरीबन 3 लाख यात्रियों को पानी और खाने का पैकेट देकर मुंबई के रेलवे स्टेशनों से विदा कर चुकी हैं. निधि गोयल के मुताबिक मुंबई के सीएसटी एलटीटी और बांद्रा टर्मिनस स्टेशन को अडॉप्ट किया गया है और यहां से रोजाना 40 से 45 ट्रेनें जा रही हैं. हम करीब 80 हजार यात्रियों को रोज खाना और पीने का पानी दे रहे हैं.


निधि बताती हैं कि जब उन्हें खबरों के माध्यम से पता चला कि जो श्रमिक ट्रेनें जा रही हैं और उससे जो प्रवासी जा रहे हैं उन्हें खाने और पीने के पानी की दिक्कत हो रही है. ऐसी स्थिति में कुछ यात्रियों की रास्ते में ही मौत भी हो चुकी है. तब उन्होंने मुंबई महानगर पालिका से बात की और श्रमिक ट्रेनों से जाने वाले प्रवासियों की मदद के लिए वह स्टेशन पर उतर आईं.


निधि के मुताबिक करीब 1 लाख यात्रियों को रोज खाना खिलाने की इस मुहिम का नाम उन्होंने 'खाना चाहिए मिशन' रखा है. जिसमें उनके परिवार के लाला भगवान दास ट्रस्ट के साथ-साथ कुछ कंपनियों जैसे विप्रो, गोदरेज और हिंदुस्तान लीवर की तरफ से भी अब मदद मिल रही है.


निधि गोयल, सोनू सूद के मूवमेंट घर भेजो से भी जुड़ी हैं. इस टीम के सदस्यों के मुताबिक प्रवासियों को हम ऐसे खाने के पैकेट दे रहे हैं, जो उनकी यात्रा के दौरान कई घंटे तक बेकार ना हों. साथ में सैनिटाइजर और मास्क भी दिया जा रहा है. निधि का कहना है कि 'घर जाते समय उनके चेहरों प खुशी होती है और वह हम लोगों के लिए बेहद ही खुशी का क्षण होता है.'

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