तीन साल की मासूम को उसका पिता ही ले जा रहा था मां से दूर, रेलवे की सतर्कता बेकार नहीं गई, लेकिन ड्रामे में आ गया हल्का सा ट्विस्ट
ललितपुर के एसपी कैप्टन एमएम बेग ने बताया कि ये ललितपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के आजादपुरा का मामला है जहां इस तीन साल की मासूम बच्ची डुग्गु के माता-पिता के बीच झगड़ा हो गया. झगड़े के बाद पिता लक्ष्मी नारायण उर्फ़ संतोष अपनी पत्नी की सहमति के बग़ैर घर के बाहर खेल रही बेटी डुग्गु को लेकर घर से चला गया.
नई दिल्ली: रेलवे ने ये दिलचस्प जानकारी दी थी कि 25 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के ललितपुर में एक व्यक्ति तीन साल की एक बच्ची का अपहरण कर के ले जा रहा था. रेलवे सुरक्षा बल को इस बात का पता चला तो रेलवे प्रसाशन ये तय किया कि इस ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रुकने नहीं देना है, वरना अपहरणकर्ता बच्ची समेत बच निकलेगा. इसके बाद ट्रेन को ललितपुर से नॉनस्टॉप भोपाल तक दौड़ाया गया और अपरहणकर्ता को पकड़ कर बच्ची को बचा लिया गया.
रेल मंत्री पीयूष गोयल का ट्वीट रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज ट्वीट कर ये जानकारी दी थी, “यात्री सुरक्षा के लिये रेलवे में बढ़ाई जा रही निगरानी के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।स्टेशन पर लगे CCTV की सहायता से 3 साल की बच्ची के अपहरणकर्ता को पहचाना गया, और ललितपुर से भोपाल तक नॉन स्टॉप ट्रेन दौड़ा कर किडनैपर को पकड़ा गया, और बच्ची को सकुशल बरामद किया गया.”
एबीपी न्यूज़ की पड़ताल: पिता ही अपहरणकर्ता इस खबर की जब एबीपी न्यूज़ ने पड़ताल की तो पता चला कि रेलवे ने जो क़वायद की वो तो एकदम सही है लेकिन ललितपुर की तीन साल की बच्ची को लेकर जो व्यक्ति जा रहा था वह अपहरणकर्ता नहीं बल्कि उस बच्ची का ही पिता था. हालांकि ये बात कुछ लोगों के लिए बहस की हो सकती है कि माँ की इजाज़त के बग़ैर बच्चे को ले जाने वाले पिता को अपहरणकर्ता कहा जाय या नहीं.
क्या है पूरा मामला ललितपुर के एसपी कैप्टन एमएम बेग ने बताया कि ये ललितपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के आजादपुरा का मामला है जहां इस तीन साल की मासूम बच्ची डुग्गु के माता-पिता के बीच झगड़ा हो गया. झगड़े के बाद पिता लक्ष्मी नारायण उर्फ़ संतोष अपनी पत्नी की सहमति के बग़ैर घर के बाहर खेल रही बेटी डुग्गु को लेकर घर से चला गया. हैरान डुग्गु की मां ने जीआरपी थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज करा दी लेकिन संकोच में यह नहीं बताया कि बेटी को कौन ले कर गया है. रेलवे पुलिसिंग की सतर्कता से जब संतोष को पकड़ा गया तो डुग्गु उसे पापा कह कर ही बुला रही थी. लेकिन इस बात पर स्थानीय सुरक्षाकर्मियों ने ध्यान नहीं दिया और अपने उच्च अधिकारियों को यही सूचना दी कि वांछित अपहरणकर्ता को पकड़ लिया गया है.
आरपीएफ़ की तेज़ी ने मासूम डुग्गु को मां से मिलाया रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि भले ही इस मामले में अपहरणकर्ता की जगह बच्ची का पिता ही रहा हो लेकिन रेलवे ने इतनी मुस्तैदी न दिखाई होती तो तीन साल की इस मासूम बच्ची को न जाने कितने दिन माँ से दूर रहना पड़ता जो उसके लिए किसी मुसीबत से कम न होता.
पहली सूचना पर कार्यवाही 25 अक्टूबर की शाम को लगभग 7 बजे झांसी स्टेशन रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट के सब इन्स्पेक्टर रविन्द्र सिंह राजावत को ललितपुर के जीआरपी प्रभारी सब इंस्पेक्टर ने सूचना दी कि ललितपुर शहर से एक दुबला-पतला व्यक्ति तीन साल की बच्ची का अपहरण करके गाड़ी नम्बर 02511 राप्ती सागर एक्सप्रेस से भोपाल की तरफ जा रहा है. ललितपुर के जीआरपी सब इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि बच्ची ने गुलाबी रंग की ड्रेस पहनी है जबकि संदिग्ध व्यक्ति ने क्रीम कलर की शर्ट और काले रंग का लोअर पहन रखा है.
बच्ची को ले जा रहा ये व्यक्ति नंगे पैर है. झांसी और भोपाल आरपीएफ़ ने मिल कर की कार्यवाही इस सूचना पर तुरंत ही झांसी कंट्रोल रूम से आरपीएफ़ ने भोपाल रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स और भोपाल पुलिस सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को बच्ची के अपहरण की जानकारी दी और बताया कि चलती हुई राप्ती सागर ट्रेन में अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर मौजूद है. झाँसी के सब इंस्पेक्टर एसएन पाटीदार ने बच्ची की माँ से अन्य जानकारी ले कर ललितपुर आरपीएफ़ पोस्ट पर बने कंट्रोल रूम में स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जिसमें संदिग्ध व्यक्ति एक बच्ची को ले जाते हुए दिख रहा था. ये फुटेज तुरंत भोपाल आरपीएफ और जीआरपी को भेज दी गई.
चलती ट्रेन में स्टाफ़ को एलर्ट किया गया इसके बाद झांसी आरपीएफ़ ने राप्ती सागर ट्रेन में चल रहे अपने जवानों को हुलिया बताते हुए कहा गया कि अपहरणकर्ता पर नज़र रखें लेकिन उसे शक न होने दें. कार्यवाही एक साथ ट्रेन के रुकते ही की जाएगी. गाड़ी में तैनात ऑनड्यूटी सीटीआई को भी प्लानिंग बताई गई. आरपीएफ़ झांसी ने ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को मामला बताते हुए प्लानिंग के तहत कहा कि राप्ती सागर ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रोका ना जाये. इसके बाद तकरीबन रात 8.43 बजे जब गाड़ी भोपाल पहुँची तो वहां आरपीएफ़ और भोपाल पुलिस वहाँ पहले से बड़ी तादात में एलर्ट खड़ी थी. ट्रेन के रुकते ही योजना के मुताबिक़ ट्रेन में सवार आरपीएफ़ जवानों के इशारे पर अपहरणकर्ता को धरदबोचा गया और बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया.
अंत भला तो सब भला ये पता चलने के बाद कि जिसे अपहरणकर्ता समझा जा रहा था वह बच्ची डुग्गु का ही पिता था सम्बंधित रेलकर्मी यही कह रहे हैं कि कम से कम एक माँ को वक़्त पर उसकी बेटी मिल गई यही हमारी मेहनत को सफल बनाने के लिए बहुत है.
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