Jammu Kashmir Terrorism: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के शोपियां (Shopian) जिले में गोलियों के छलनी शव मिलने के मामले में पुलिस (Police) ने एक नया खुलासा किया है. इस मामले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मंजूर अहमद नांगरू (Manjoor Ahmad Nagroo) की हत्या आतंकी संगठनों (Terrorist Organisation) की आपसी लड़ाई की वजह से हुई है.


पुलिस ने बताया कि मंजूर अहमद की हत्या के पीछे आतंकी संगठनों का हाथ और ये हत्या दो आतंकी संगठनों में प्रतिद्वंद्विता की वजह से हुई है. जम्मू कश्मीर के एडीजीपी ने कहा है कि मामले की जांच पेशेवर तरीके से और सख्ती से की जा रही है. इस अपराध में शामिल आतंकवादियों की पहचान जल्दी कर ली जाएगी और मामले में कानून के तहत सख्ती से निपटा जाएगा.






मारे गए मंजूर अहमद के भाई आतंकी


इस मामले पर जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि शोपियां जिले में मारे गए मंजूर अहमद का भाई आशिक नांगरू जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय आतंकी है और वो अभी पाकिस्तान में है. इसका दूसरा भाई अब्बास नांगरू साल 2014 में एक मुठभेड़ में मारा गया था. इसके अलावा इसका तीसरा भाई रेयाज नांगरू एक आतंकी हमले के मामले में जेल में बंद है.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के शोपियां (Shopian) जिले में पुलिस (Police) ने सोमवार को एक बाग से गोलियों से छलनी एक शव बरामद किया था. मृतक की पहचान मंजूर अहमद नांगरू (Manjoor Ahmad Nangroo) के रूप में हुई थी. ये पुलवामा (Pulwama) जिले के हंजन गांव का रहने वाला था. नागरू का शव नरपोरा गांव से मिला. नांगरू के पैतृक गांव से मिली जानकारी के मुताबिक उसका अपहरण कर लिया गया था.


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