एक्सप्लोरर
Advertisement
यूरोप पर परमाणु मिसाइल गिरा सकता है सनकी तानाशाह किम जोंग उन
परमाणु शक्ति संपन्न होने के अलावा किम जोंग के पास एक ऐसा हथियार है जो ना सिर्फ ताकतवर भी है बल्कि उसका पता तब लगता है जब हमले को अंजाम दिया जा चुका होता है.
नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की परमाणु मिसाइलों का निशाना यूरोप हो सकता है. नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस सटॉल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूरोप को उत्तर कोरिया की परमाणु मिसाइलों से खतरा है. दक्षिण कोरिया की दायवू कंपनी से उत्तर कोरिया के हैकर्स ने जंगी जहाज, पनडुब्बी और दूसरे हथियारों के ब्लू प्रिंट्स हैक कर लिए हैं.
नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस सटॉल्टेनबर्ग ने कहा है, ‘’हम मानते हैं कि यूरोप भी उत्तर कोरिया की मिसाइलों की रेंज में आ गया है और नाटो के सदस्य देश पहले ही खतरे में आ चुके हैं. नाटो के पास किसी भी खतरे और किसी भी हमलावर को जवाब देने की क्षमता है. नाटो या उसके सहयोगी युद्ध नहीं चाहते. ये एक बर्बादी होगी.’’
नाटो जैसे बेहद शक्तिशाली संगठन के इतने बड़े अधिकारी का ये बयान यूरोप को डराने वाला है.
क्या है नाटो?
नाटो यानी नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन एक सैन्य गठबंधन है. इसमें अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन सहित 29 देश शामिल हैं. नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी. इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रुसेल्स में है. संधि के मुताबिक, नाटो के सदस्य देशों में से किसी एक पर भी हमला हुआ तो दूसरे सदस्य देश हमले का जवाब देने में साथ देंगे.
यानी 29 देशों की सेनाएं और उनकी ताकत एक साथ काम करेंगी. इससे नाटो की ताकत का अंदाज़ा लगा पाना बेहद आसान है, लेकिन किम जोंग उन को नाटो भी एक बड़ा और मज़बूत खतरा मान रहा है. इसकी एक बड़ी वजह है किम जोंग का परमाणु मिसाइलों से लैस होना.
परमाणु शक्ति संपन्न होने के अलावा किम जोंग के पास एक ऐसा हथियार है जो ना सिर्फ ताकतवर भी है बल्कि उसका पता तब लगता है जब हमले को अंजाम दिया जा चुका होता है.
उत्तर कोरिया ने चुराए जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के ब्लूप्रिंट
बड़ा खुलासा हुआ है कि उत्तर कोरिया ने जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के ब्लूप्रिंट चुरा लिए हैं. दक्षिण कोरिया के एक अखबार ने खुलासा किया है इस काम को उत्तर कोरिया के हैकर्स ने अंजाम दिया है, लेकिन उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि किसी भी साइबर क्राइम में उसका हाथ नहीं है.
अखबार के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के दायवू शिपबिल्डिंग एंड मरीन इंजीनियरिंग कंपनी से 40 हजार दस्तावेज हैक किए गए हैं. इसमें सेना से जुड़े 60 बेहद सीक्रेट दस्तावेज़ भी हैं. इनमें जहाज़ों, पनडुब्बियों और दूसरे हथियारों को बनाने की तकनीक और ब्लूप्रिंट्स हैं.
यानी उत्तर कोरिया इन ब्लूप्रिंट्स की मदद लेकर आसानी से इन हथियारों को बना सकता है, जिसकी तैनाती अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उसके खिलाफ की है. शायद इसीलिए नाटो जैसा ताकतवर सैन्य संगठन भी किम जोंग उन को बेहद खतरनाक मान रहा है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
IPL Auction 2025
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
चुनाव 2024
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
आईपीएल
इंडिया
Advertisement
राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion