नई दिल्ली: भाटी माइंस के पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कैम्प में रहने वाली किरण का ज़िक्र गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने वक्तव्य में किया था. नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद किरण बेहद खुश हैं. और अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहती हैं.
जब गृह मंत्री अमित शाह ने किरण का नाम लिया था तब कहा था कि गारमेंट का काम करने वाली बच्ची किरण जो रोते हुए कह रही थी कि वो किसी को डर से बताती नहीं है कि वो पाकिस्तान से आई है. दरअसल, किरण और उनकी बड़ी बहन अमिया साथ मिलकर हाथ की तुरपाई से बनी चादर जिसे पाकिस्तान में खंदोला कहते हैं, घर में ही बनाते हैं. 15 साल की किरण का परिवार पाकिस्तान से आकर यहां बसा था. घर में माता-पिता, 4 बहनें और 3 भाई हैं. किरण की दो बहनों की शादी राजस्थान में हुई है लेकिन भारत की नागरिकता न होने के चलते दोनों बहनें यहीं शरणार्थी कैम्प में ही रहती हैं.
किरण का कहना है कि वो पढ़ाई करना चाहती थीं लेकिन जब यहां आई तो पाकिस्तानी नागरिक होने के चलते स्कूल में दाखिला नहीं मिल पाया. लेकिन अब वो पढ़ना चाहती हैं और डॉक्टर बनना चाहती हैं. किरण की एक और इच्छा है कि वो अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सकें और उन्हें धन्यवाद दे सके.
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