पीएमओ का अफसर बताकर घाटी में जेड प्लस की सुरक्षा में घूमने वाला गिरफ्तार ठग किरण पटेल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुजरात पुलिस को सौंप दिया है. कश्मीर पुलिस ने एक महीने पहले श्रीनगर के होटल से किरण को गिरफ्तार किया था. पटेल पर अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक पीएमओ का फर्जी ऑफिसर बताकर जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों के साथ गोपनीय मीटिंग करने का आरोप है.
किरण पटेल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से पूछताछ में कई खुलासे किए हैं. गुजरात पुलिस की कार्रवाई के बाद कश्मीर पुलिस उस पर आगे की कार्रवाई करेगी. किरण जम्मू-कश्मीर में कैसे ठगी के जरिए अपना रसूख कायम कर रहा था, इसको लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि किरण को बिना लिखित सुरक्षा किसने दी, इसकी भी जांच कराई जा रही है.
किरण को सुरक्षा किसने दी और कश्मीर में पीएमओ के फर्जी अधिकारी बनने के पीछे क्या मकसद था, इसकी परत-दर-परत जानते हैं...
कम्प्यूटर इंजीनियर, नौकरी के दौरान आरएसएस में संपर्क बनाया
कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका किरण पटेल शुरुआत में वेब डिजाइनिंग का काम करता था. काम के दौरान ही उसने आरएसएस के पदाधिकारियों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया. पटेल ने कई बार आरएसएस के लिए कार्यक्रम के आयोजन भी कराए. हालांकि, संघ ने गुजरात में उसके सक्रिय सदस्य होने से इनकार कर दिया है.
संघ के गुजरात इकाई के प्रचार प्रमुख विजय ठक्कर ने अंग्रेजी वेबसाइट द प्रिंट से बात करते हुए कहा कि किरण पटेल कभी भी आरएसएस के किसी शाखा में नहीं आया. वह दावा कर सकता है कि वह आरएसएस से जुड़ा था, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है. अगर वो आरएसएस का कार्यकर्ता होता तो मैं उसे जरूर जानता, क्योंकि मैं पिछले 18 सालों से यहीं पर काम कर रहा हूं.
संघ में पैठ बनाने के बाद किरण पटेल ने वेब डिजाइनिंग की नौकरी छोड़ ठगी के काम में उतर आया. इसके लिए उसने कश्मीर को सबसे मुफीद माना और इसकी रणनीति तैयार करने लगा.
किरण ने लॉकडाउन के दौरान एक संस्था बनाई थी, जिसके जरिए अहमदाबाद और आसपास कोरोना पीड़ितों को मुफ्त में दवाइयां पहुंचाता था. किरण की 2 बेटियां भी है, जिसमें एक ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है.
सितंबर 2022 में मिशन का खाका तैयार, मकसद- कमीशनखोरी
दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में गांधीनगर के एक बड़े होटल में ठगी के इस मिशन का प्लान तैयार हुआ था. किरण के साथ प्लान तैयार करने में 5 अन्य लोग भी शामिल थे. प्लान के तहत किरण को कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में जाकर काम की जमीनें और सेब के बागान स्कैन करने का टास्क सौंपा गया. इनमें सेंसेटिव इलाके भी शामिल थे.
किरण को कश्मीर में बड़े ग्राहकों को भी खोजने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस पूरे मिशन का मकसद कमीशनखोरी था. गुजरात के व्यापारियों को कश्मीर में जमीन दिलवाकर किरण उसके बदले पैसा ऐंठता, लेकिन पुलिस ने उसे पहले ही शिकंजे में ले लिया.
किरण हाईप्रोफाइल मामला बनाकर सबका विश्वास जीतने की कोशिश में जुटा था. सुरक्षा लेने के पीछे व्यापारियों का भरोसा जितना था. किरण ने पुलिस पूछताछ में बताया कि सुरक्षा के बीच जब वो लोगों से कुछ कहता था, तो उन पर उसकी बातों का असर होता था.
संघ के पदाधिकारी से फोन लगवाया, पुलवामा डीसी ने सुरक्षा दी
सितंबर में प्लान तैयार करने के बाद किरण अक्टूबर में कश्मीर जाने की तैयारी करने लगा. वहां सुरक्षा लेने के लिए उसने राजस्थान आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी का सहारा लिया. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आरएसएस राजस्थान के पदाधिकारी त्रिलोक सिंह चौहान ने किरण को सुरक्षा देने के लिए पुलवामा उपायुक्त को फोन लगाया.
संघ पदाधिकारी का फोन आने के बाद पुलवामा उपायुक्त बशीर उल हक चौधरी ने बिना नियमों का पालन किए किरण को सुरक्षा देने का मौखिक आदेश दे दिया. दरअसल, कश्मीर में सुरक्षा पाने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखना होता है, उसके बाद यह लेटर डीजीपी कार्यालय भेजा जाता है. डीजीपी कार्यालय सत्यापित कर उसे एडीजी को भेजती है और फिर एसपी (सुरक्षा) सिक्योरिटी प्रदान करता है.
किरण पटेल ने त्रिलोक सिंह को ही क्यों चुना? इस सवाल के जवाब में संघ के एक पदाधिकारी ने एक्सप्रेस को बताया कि सिंह जम्मू-कश्मीर में विस्तारक के रूप में काम कर चुके हैं और सेंसेटिव जोन में उनकी पकड़ मजबूत थी.
अधिकारियों को मीटिंग में खूब फटकारा, कुछ को लालच भी दिया
अक्टूबर से मार्च तक 6 महीने के दौरान किरण पटेल ने कश्मीर के 4 दौरे किए. इस दौरान वह उरी, बारामूला, श्रीनगर और पुलवामा गया. कश्मीर में उसने अधिकारियों के साथ एक गोपनीय मीटिंग भी किया. इस मीटिंग में एसडीएम स्तर के अधिकारियों की जमकर फटकार भी लगाई.
किरण ने पहला दौरा साल 2022 में 25 और 27 अक्टूबर के बीच किया. उसे पुलवामा के डीसी ने सुरक्षा मुहैया कराई, जिसमें उसे सुरक्षा में उसे एक बुलेट प्रूफ गाड़ी, दो एस्कॉर्ट गाड़ियां, एक दर्जन एसएसबी गनमैन मिले. इस दौरान पटेल बीजेपी के मीडिया प्रभारी और स्थानीय पत्रकारों से भी मिलता था.
कश्मीर के दूसरे दौरे6-8 फरवरी 2023) के दौरान किरण पटेल अपने साथ व्यापारी अमित पांड्या को भी ले गया था. अमित के पिता गुजरात सीएमओ में अधिकारी थे, मामला उछलने के बाद इस्तीफा दे दिया. किरण इस दौरान कुलगाम और गुलमर्ग गया. अमित पांड्या और पुलवामा डीसी के बीच एक मीटिंग भी कराई.
तीसरे दौरे (24-28 फरवरी 2023) में किरण बिजनेस को लेकर काफी कन्फिडेंट था. इस बार उसने टूरिज्म डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ मीटिंग की. अपने परिवार के साथ कश्मीर के कई झीलों को देखने गया. हालांकि, इसी दौरे में उसका ठगी का नकाब उतरने लगता है. बडगाम के दूधपथरी में एक मीटिंग के दौरान एसडीएम और तहसीलदार पर डीसी के सामने चिल्लाने लगता है.
उसके हाव-भाव देखने के बाद बडगाम के डीसी सैयद फखरुद्दीन हामिद ने सीआईडी से इसकी जानकारी मांगी. सीआईडी ने छानबीन के बाद बताया कि किरण पटेल नाम का कोई व्यक्ति पीएमओ में है ही नहीं. इसके बाद किरण की गिरफ्तारी का जाल बुना गया.
चौथी बार कश्मीर आने के बाद किरण को अधिकारियों ने ज्यादा भाव नहीं दिए. 2 मार्च को श्रीनगर के ललित ग्रैंड होटल में जैसे ही किरण पहुंचा, वहां पुलिस ने उसे धर-दबोचा. पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान उसे आईएएस और आईपीएस में अंतर पूछ दिया, जिससे वो हड़बड़ा गया. फिर पुलिस ने उसे शिकंजे में ले लिया.
गिरफ्तारी के डर से फ्लश में बहाने लगा फर्जी विजिटिंग कार्ड
रिपोर्ट के मुताबिक होटल में किरण को गिरफ्तार करने के लिए एसपी श्रीराम के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. टीम जब होटल के कमरे में पहुंची और उसे गिरफ्तार करने की बात कही तो किरण ने बाथरूम जाने का बहाना बनाया.
पुलिस अधिकारियों ने उसे बाथरूम जाने की इजाजत दे दी, लेकिन जब कुछ देर में वो नहीं लौटा तो पुलिस को शक हुआ. एसपी श्रीराम जब खुद बाथरूम मे गए तो उन्होंने किरण को फर्जी विजिटिंग कार्ड को फ्लश में डालते हुए देखा.
किरण इस विजिटिंग कार्ड पर खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त निदेशक (योजना और रणनीति) बताया था.
अब आगे क्या?
किरण पटेल को गुजरात पुलिस अतीक अहमद की तरह सड़क मार्ग से अहमदाबाद ले जाकर इसके बाद उससे आगे की पूछताछ की जाएगी. पुलिस ने इसके लिए स्पेशल गाड़ी कश्मीर ले गई है.
1. पीएमओ ने जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी की सारी फाइलें मंगाईं
दिव्य भास्कर के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले 2 साल में घाटी में जितनी भी जमीन खरीदी की प्रकिया हुई है, उसकी सारी फाइलें तलब की हैं. कश्मीर प्रशासन ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा विजय कुमार बिधूड़ी, संभागीय आयुक्त को सौंपा है.
विधूड़ी इस मामले में हुई चूक की रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपेंगे. रिपोर्ट आने के बाद ही इस मसले पर आधिकारिक कार्रवाई होगी.
2. गुजरात पुलिस ने पुराना रिकॉर्ड खोल दिया, क्राइम ब्रांच जांच करेगी
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने किरण पटेल की पुरानी फाइलें खोल दी है. पुलिस ने बंगला मरम्मत के नाम पर 35 लाख रुपए ऐंठने समेत कई मामलों में दर्ज शिकायत की जांच फिर से शुरू की है.
अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में किरण की पत्नी को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है. जांच के बाद किरण पर कई और मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं.