Video: कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता- सुप्रीम कोर्ट की किस बात पर किरेन रिजिजू ने दिया यह जवाब
Kiren Rijiju On Collegium: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम को लेकर कहा कि सरकार संविधान के मुताबिक काम करती है.
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Collegium Row: कॉलेजियम की पिछले साल दिसंबर में की गई सिफारिश को मंजूरी देने के केंद्र सरकार के आश्वासन के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने फिर एक बार बयान दिया है. उन्होंने सरकार को लोगों का सेवक बताते हुए कहा कि देश संविधान से चलेगा.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रयागराज में कहा, ''मैंने मीडिया में रिपोर्ट देखी कि सुप्रीम कोर्ट ने (कॉलेजियम पर) चेतावनी दी है. इस देश के मालिक इस देश के लोग हैं, हम सेवक हैं. हमारी गाइड संविधान है. संविधान के अनुसार देश चलेगा. कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है. हम अपने आप को सेवक के रूप में देखते हैं.'' केंद्र सरकार ने शुक्रवार (3 फरलरी) को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की पिछले साल दिसंबर में की गई सिफारिश को जल्दी ही मंजूर कर लिया जाएगा.
पहले भी दिए ऐसे बयान
किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि जजों को एक बार जज बनने के बाद किसी आम चुनाव या सार्वजनिक तौर पर जांच का सामना नहीं करना पड़ता. यही वजह है कि जनता आपको (जजों) बदल भी नहीं सकती, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि जनता आपको देख नहीं रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मिले खुफिया एजेंसियों के गुप्त इनपुट को सार्वजनिक करने को लेकर भी कहा था कि यह गंभीर चिंता का विषय है.
'असहज करने वाला होगा'
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस एस. के. कौल और जस्टिस ए. एस. ओका की पीठ से कहा कि इन पांच नामों की नियुक्ति का आदेश (वारंट) रविवार तक जारी हो सकता है. पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र सरकार की देरी किए जाने पर शुक्रवार को नाराजगी जताई थी. बेंच ने कहा था कि यह काफी गंभीर मुद्दा है. हमें ऐसा कदम उठाने के लिए बाध्य नहीं करें, जो बहुत असहज करने वाला होगा.
#WATCH | I saw a media report today that stated- Supreme Court has given a warning...The Indian Constitution is our guide. No one can give a warning to anyone: Union Law Minister Kiren Rijiju in Prayagraj, UP pic.twitter.com/oyoDfzLzIS
— ANI (@ANI) February 4, 2023
मामला क्या है?
कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए पांच जजों के नामों की सिफारिश की थी. इनमें राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल, पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी. वी. संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जज अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज मनोज मिश्रा शामिल हैं.
बाद में 31 जनवरी को चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में पदोन्नत करने के लिये केंद्र को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार के नामों की सिफारिश की.
.यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को मिली खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू बोले, 'गंभीर चिंता का विषय है'
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