किरीट सोमैया ने BMC कमिश्नर पर लगाए गंभीर आरोप, कोविड घोटाले को लेकर क्या कुछ किया दावा?
BMC Covid Centre Scam: मुंबई के कोविड घोटाले में BMC कमिश्नर इकबाल सिंह चहल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. BJP के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने घोटालों के लिए आयुक्त को जिम्मेदार ठहराया है.
BMC Commissioner Under Scanner Over Covid Scam: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बृहन्मुंबई नगर निगम ( BMC) के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं और उनको घोटालों का जिम्मेदार बताते हुए लिस्ट जारी की है. बीजेपी नेता ने पत्र लिखकर और वीडियो बयान जारी करते हुए आयुक्त पर कोविड काल के दौरान हुए कथित घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया है.
बीजेपी नेता सोमैया ने आरोप लगाया कि मुंबई के मूलुंड इलाके में परियोजना विस्थापित लोगों को घर दिए जाने के मामले में 3500 रुपये करोड़ रुपये का घोटाला किया है. उन्होंने कहा की कि बीएमसी के प्रशासक इकबाल सिंह चहल लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं.
'केंद्र सरकार के आला अफसरों से मुलाकात करेंगे किरीट सोमैया'
पत्र का जिक्र करते हुए बताया कि शुक्रवार (1 दिसंबर) को दिल्ली में भारत सरकार के आला अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. चहल की कथित कोविड घोटालों में सक्रिय भूमिका की जानकारी साझा करेंगे. इस बीच देखा जाए तो किरीट सोमैया की ओर से हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है. इसके बाद यह मामला और ज्यादा गंभीर होता जा रहा है. इससे बीएमसी कमिश्नर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
आर्थिक अपराध शाखा कर चुकी है रोमिल छेड़ा का गिरफ्तार
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से नवंबर के आखिरी सप्ताह में कोविड ऑक्सीजन प्लांट घोटाले में संलिप्ता के चलते ठेकेदार रोमिल छेड़ा को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद अब बीएमसी कमिश्नर चहल पर लगे आरोपों के बाद उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है.
पूर्व मंत्री के पत्र की कमिश्नर ने अनदेखी कर ब्लैकलिस्ट ठेकेदार को दिया टेंडर
बीजेपी नेता ने कहा कि ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट घोटाले से संबंधित वो सभी पत्र भी मौजूद हैं, जिसमें महाराष्ट्र की पूर्व सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे असलम शेख ने जून 2021 में इकबाल सिंह चहल को छेड़ा की कंपनी को लेकर एक पत्र भी लिखा था और उसमें चेतावनी दी गई थी.
शेख ने लिखा था कि छेड़ा की कंपनी को जयपुर के एक अस्पताल ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था और पहले पेंगुइन घोटाले में भी बीएमसी ने दंडित किया. बीएमसी कमिश्नर पर आरोप लग रहे कि ठेकेदारों के बारे में चेतावनी के बावजूद नजरंदाज क्यों किया गया. इस सबके बाद भी रोमिल की कंपनी को ऑक्सीजन प्लांट का टेंडर दिया गया.
ED और EOW भी कर रही मामले की जांच
कोविड काल के दौरान हुए कथित घोटालों की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है. ईडी ने इन घोटालों की जांच के दौरान बीएमसी कमिश्नर चहल से पूछताछ भी कर चुकी है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कोरोना काल के दौरान बॉडी बैग घोटाले और ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट घोटाले की जांच कर रही है.
बीएमसी आयुक्त ने खुद पर लगे आरोपों पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
इस बीच देखा जाए तो बीएमसी कमिश्नर पर पूर्व की उद्धव ठाकरे सरकार के बेहद करीबी होने के आरोप भी लगते रहे हैं. बीजेपी नेता सोमैया की तरफ से लगाए आरोपों पर बीएमसी आयुक्त की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने खुद पर लगे आरोपों पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है.
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