नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी अभी तक दिल्ली अध्यक्ष नहीं चुन पाई है. पहले दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, जेपी अग्रवाल और अरविंदर सिंह लवली रेस से बाहर हुए तो अब कीर्ति आज़ाद जिनका नाम दिल्ली अध्यक्ष की रेस में काफी आगे चल रहा था अब वो भी रेस से बाहर हो गए हैं.


दरअसल शीला दीक्षित खेमे के नेताओं ने कीर्ति आज़ाद का विरोध कर दिया और कहा कि ये बाहरी हैं और हाल ही में ये बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. ऐसे में इनको दिल्ली की कमान कैसे दी जा सकती है? इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने भी सोनिया गांधी से इस बारे में बात की और उन सबकी भी यही राय थी कि कीर्ति आज़ाद ने हाल ही में झारखंड से लोकसभा चुनाव लड़ा वो ख़ुद बिहार के रहने वाले हैं और लोकसभा चुनाव से पहले ही वो पार्टी में शामिल हुए हैं.


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सूत्रों के मुताबिक़ दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको, कीर्ति आज़ाद को दिल्ली का अध्यक्ष बनाने के पक्ष में थे और पीसी चाको ने कीर्ति आज़ाद का नाम सोनिया गांधी के पास भेज भी दिया था और कीर्ति आज़ाद ने अपने समर्थकों को यह कहना भी शुरू कर दिया था कि वे दिल्ली का अध्यक्ष बन गए हैं. कई लोगों ने कीर्ति आज़ाद को फ़ोन करके बधाई भी दी लेकिन शीला दीक्षित का खेमा और कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने मिलकर कीर्ति आज़ाद को दिल्ली अध्यक्ष की रेस से बाहर कर दिया. फ़िलहाल के लिए यह मामला टल गया है अब इसका फ़ैसला हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बाद ही हो पाएगा.


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