झारखंड: धनबाद से मैदान में उतरेंगे कीर्ति आजाद, RPN सिंह से मुलाकात के बाद फैसला
कीर्ति आजाद की पहचान क्रिकेट की दुनिया से भी है. कीर्ति आजाद 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य भी रहे. कीर्ति आजाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट इलाके में विभानसभा चुनाव के जरिए की थी.
रांची: 1983 क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम के हिस्सा रहे और हाल ही में कांग्रेस का हाथ थामने वाले कीर्ति आजाद झारखंड के धनबाद से चुनाव लड़ेंगे. कीर्ति आजाद ने आज कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह से मुलाकात की. इसी मुलाकात के बाद ये फैसला लिया गया. बता दें कीर्ति आजाद फिलहाल बिहार के दरभंगा से सांसद हैं. आजाद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बीजेपी ने 2015 में निलंबित कर दिया था.
बता दें कि कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद कीर्ति आजाद दरभंगा से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे. लेकिन बिहार में महागठबंधन के सीट बंटवारे में दरभंगा सीट आरजेडी के खाते में चली गई थी. आरजेडी ने इस सीट से दिग्गज अब्दुल बारी सिद्दीकी को उतारने का फैसला किया था. कांग्रेस ने आजाद को वाल्मीकि नगर सीट से लड़ने का भी प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया था. आखिरकार पार्टी अब कीर्ति आजाद को झारखंड के धनबाद से चुनाव लड़ा सकती है.
बीजेपी पर हमलावर थे कीर्ति आजाद कांग्रेस में शामिल होने से पहले कीर्ति आजाद लंबे समय से बीजेपी पर हमलावर थे. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा था कि राम मंदिर का मामला घोषणा पत्र में शामिल कर करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म में दिवंगत आत्मा पर टीका- टिप्पणी संस्कृति के खिलाफ है, लेकिन पंडित नेहरू और देश की एकता अखंडता के लिए शहीद हुईं इंदिरा गांधी-राजीव गांधी पर हमले किए गए. कोई युद्ध नहीं हो रहा है पर जवान शहीद हो रहे हैं.
कौन हैं कीर्ति आजाद? दरभंगा से लगातार दूसरी बार सांसद कीर्ति आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता भागवत झा आजाद के बेटे हैं. कीर्ति आजाद की पहचान क्रिकेट की दुनिया से भी है. कीर्ति आजाद 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य भी रहे. कीर्ति आजाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में दिल्ली के गोल मार्केट इलाके में विभानसभा चुनाव के जरिए की थी.
1998 में आजाद ने दरभंगा का रुख किया और वहां से पहली बार जीते और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि, 1998 की जीत के बाद उन्हें अगली जीत के लिए 2009 तक इंतजार करना पड़ा.