नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा है कि देश के भविष्य के लिए इन कानूनों का विरोध करना पड़ेगा. उन्होंने किसानों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान यह दावा भी किया कि नोटबंदी और जीएसटी की तरह इन कानूनों का लक्ष्य भी किसानों और मजदूरों को कमजोर करना है.


डिजिटल संवाद में कई राज्यों के किसानों ने रखी अपनी बात


इस डिजिटल संवाद में पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और कई अन्य प्रदेशों के किसानों ने इन कानूनों के संदर्भ में अपनी बात रखी. राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘ नोटबंदी के समय कहा गया कि यह कालेधन के खिलाफ लड़ाई है. यह सब झूठ था. इसका लक्ष्य किसान-मजदूर को कमजोर करना था। इसके बाद जीएसटी आई तो भी यही लक्ष्य था.’’





राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘‘ कोरोना संकट के समय किसानों, मजदूरों और गरीबों को पैसे नहीं दिए गए. सिर्फ कुछ सबसे बड़े उद्योगपतियों को पैसे दिए गए. कोरोना के समय इन उद्योगपतियों की आमदनी बढ़ती गई और आपकी (किसान) आमदनी घटती गई. इसके बावजूद पैसे उन्हें दिए गए.’’


तीन कानूनों और नोटबंदी और जीएसटी में कोई ज्यादा फर्क नहीं- राहुल


राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इन तीन कानूनों और नोटबंदी और जीएसटी में कोई ज्यादा फर्क नहीं है. फर्क सिर्फ इतना है कि पहले आपके पैर में कुल्हाड़ी मारी गई और अब सीने में छुरा मार दिया गया है. गांधी ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि किसानों के लिए नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के भविष्य के लिए इन कानूनों का विरोध करना पड़ेगा.’’


बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इन्होंने (बीजेपी) इस देश को खड़ा नहीं किया है. ये तो अंग्रेजों के साथ खड़े थे. इनको समझ नहीं है.


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