नई दिल्लीः प्रदर्शन करने के अधिकार को मूल अधिकार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों के आंदोलन में इस समय कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा और इसे ‘‘बगैर किसी बाधा’’ के जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसने कहा कि न तो प्रदर्शनकारी और न ही पुलिस शांति भंग करे.
कृषि मंत्री ने लिखा आठ पन्नों का पत्र
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और आंदोलनरत किसानों के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने की अपनी कोशिश के तहत तीन नए कृषि कानूनों को स्थगित रखने का विचार दिया है, ताकि उनके बीच वार्ता जारी रह सके. इस बीच, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पृष्ठों का एक खुला पत्र जारी करते हुए कहा कि केंद्र उनकी सभी चिंताओं का निराकरण करने के लिए तैयार है.
अटार्नी जनरल ने किया कोर्ट के सुझाव का विरोध
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए सुझाव का विरोध करते हुए केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि अगर इन कानूनों का क्रियान्वयन स्थगित रखा गया, तो किसान बातचीत के लिए आगे नहीं आएंगे. हालांकि, केंद्र के शीर्ष कानून अधिकारी ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि तीनों कानूनों को स्थगित रखे जाने पर निर्देश लेने के बाद वह वापस आएंगे.
किसान कर सकते हैं प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के अहिंसक विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार को स्वीकार करते हुए सुझाव दिया कि केन्द्र फिलहाल इन तीन विवादास्पद कानूनों का क्रियान्वयन स्थगित कर दे क्योंकि वह इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से कृषि विशेषज्ञों और किसान संघों की एक ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ समिति गठित करने पर विचार कर रहा है.
लेकिन इस सुझाव पर आगे कार्य नहीं किया जा सका क्योंकि कृषक संगठनों के प्रतिनिधि अपने विचार प्रकट करने के लिए आज उपस्थित नहीं हो सके. दरअसल, उन्हें बुधवार को पक्षकार बनाया गया था. नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसानों का प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर 22 वें दिन भी जारी रहा.
पीएम मोदी ने की पत्र पढ़ने की अपील
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तोमर द्वारा किसानों के नाम लिखे गए पत्र को उनके ‘‘विनम्र संवाद का प्रयास’’ बताया और किसानों से उसे पढ़ने का आग्रह किया. तोमर ने अपने पत्र में कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों का लक्ष्य छोटे एवं सीमांत किसानों को फायदा पहुंचाना है.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.’’
तोमर ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए आंदोलनरत किसानों से इस ‘‘सफेद झूठ’’ से बचने की सलाह दी और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सभी चिंताओं को दूर करने को तैयार है.
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