Protest For MSP: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को एक महीने का वक्त होने जा रहा है लेकिन वो अभी भी हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं निकल पाया है. मामले को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों ने अपना फैसला नहीं बदला है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम किसान यहीं (खनौरी और शंभू सीमा) रहेंगे, हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे. हमने दिल्ली की ओर मार्च करने का अपना फैसला नहीं बदला है, हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक सरकार सड़कें फिर से नहीं खोल देती. हमने अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को रेलवे, बस या किसी अन्य वाहन का उपयोग करके दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए कहा है."
'किसानों पर ध्यान नहीं दे रही सरकार'
इससे पहले सरवन सिंह पंढर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो किसानों पर ध्यान नहीं दे रही है क्योंकि बीजेपी का ध्यान आगानी लोकसभा चुनाव जीतने पर है. उन्होंने कहा, "किसानों पर ध्यान देने के बजाय, उनका ध्यान इस बात पर है कि चुनाव कैसे जीता जाए. किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं."
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) किसानों के दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. ये संगठन सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार कराने का दवाब डालने की कोशिश में लगे हैं.
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