किसान आंदोलन 2.0: आगे नहीं बढ़ने दे रही सरकार तो आंसू गैस के गोलों से निपटने को खोजे ये 'ब्रह्मास्त्र', यूं भर रहे हुंकार
Farmers Protest 2.0: किसानों के आंदोलन का आज गुरुवार को तीसरा दिन है. इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां भी छोड़ी गईं.
Farmers Protest Day 3: अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसानों को शंभू बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर रोककर रखा गया है. आज गुरुवार (15 फरवरी) को केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में मीटिंग होनी है. इससे पहले किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए तगड़ी बैरिकेडिंग की गई और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए.
वहीं, दिल्ली कूच के दूसरे दिन किसानों ने भी गोलों से बचने का ब्रह्मास्त्र खोज लिया है. किसानों ने आंसू गैस के गोलों के असर को कम करने के लिए 4 इंतजाम किए हैं. पहला, गीली बोरियां, दूसरा पानी के टैंकर, तीसरा आसमान में पतंगबाजी और चौथा गैस मास्क. इन चार इंतजामों के जरिए किसान गोलों का असर कम करके प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं.
इन 4 ब्रह्मास्त्रों का किस तरह कर रहे इस्तेमाल
मंगलवार (13 फरवरी) को किसानों ने ये तरकीब बहुत ज्यादा नहीं अपनाई थी लेकिन बुधवार (14 फरवरी) को बड़ी संख्या में बोरियों को पानी से भिगो कर रखा गया और जैसे ही आंसू गैस का कोई गोला उनके पास भीड़ में आकर गिरता, कुछ किसान गीली बोरियां डाल देते. ताकि आंसू गैस का असर ठंडा पड़ जाए.
इसके अलावा कई किसानों को हाथों में पानी के पाइप पकड़े हुए देखा गया. पाइप से पानी की बौछार हो रही है और इस बौछार के जरिए हवा में ही आंसू गैस के गोलों का असर कम करते देखा गया. बाकायदा किसानों ने पानी के टैंकर मंगवा लिए जिसके पानी का इस्तेमाल फुहारा बरसाकर गैस के गोलों का असर हल्का किया गया.
मंगलवार को दिन से लेकर रात तक किसानों और पुलिस के बीच झड़प का सिलसिला चलता रहा. दिन में जहां पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए वहीं रात को किसानों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए टियर गन से आंसू गैस के गोले छोड़े. जिसका सामना किसानों ने गैस मास्क पहनकर भी किया.
ड्रोन को पतंग में फंसाया
किसानों ने आसमान में पतंगबाजी को बचने का नया हथियार बना लिया. ड्रोन से गोले गिराये जाने के बाद किसानों ने ड्रोन को नुकसान पहुंचाने की नीयत से भीड़ में से पतंग उड़ाना शुरू कर दिया. यही वजह है कि प्रशासन ने ड्रोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल गोले गिराने के लिए शंभू बॉर्डर पर नहीं किया.
किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली चंडीगढ़ हाइवे बंद है. इस रास्ते पर आवाजाही नहीं हो रही है. जिस शंभु बॉर्डर पर किसान जमा हैं वो पंजाब-हरियाणा की सीमा पर अंबाला शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर है.