नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक हो गया. कई किसान लाल किला परिसर में भी दाखिल हो गए और अपना झंडा लगा दिया. पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया.


लाल किला में हुई घटना की चौतरफा निंदा हो रही है. केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आंदोलनकारियों को लालक़िले से दूर रहना चाहिए था.


उन्होंने कहा, ''लालकिला हमारे लोकतंत्र की मर्यादा का प्रतीक है, आंदोलनकारियों को लालक़िले से दूर रहना चाहिए था. इसकी मर्यादा उल्लंघन की मैं निंदा करता हूं. यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.''






किसान संयुक्त मोर्चा ने भी हिंसा की निंदा करते हुए खुद को अलग कर लिया है. साथ ही ट्रैक्टर रैली में भाग लेने वाले लोगों को धन्यवाद दिया है.


दिल्ली के बीचों बीच आईटीओ पर भी किसान और पुलिस के बीच झड़ देखने को मिली. प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते और अपने ट्रैक्टरों को वहां खड़ी बसों को टक्कर मारते दिखे. आईटीओ पर गुस्साए किसानों ने एक बस में तोड़फोड़ भी की.


बता दें कि किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसके खिलाफ 62 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इन किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा हम यहां से नहीं हटेंगे.


गतिरोध खत्म करने के लिए किसान और सरकार के बीच 11 दौर की बैठकें हो चुकी है. लेकिन हल नहीं निकल सका है. सरकार कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है.


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