नई दिल्ली: हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच हंगामे के बाद देर रात खत्म हो गई. गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाए हजारों किसानों को दिल्ली पुलिस ने इस शर्त पर चौधरी चरण सिंह की समाधि पर जाने की इजाजत दी कि इसके बाद किसान शांतिपूर्वक वापस चले जाएं, जिसे किसानों ने मान लिया.
पुलिस की अनुमति मिलते ही सैकड़ों ट्रैक्टर और ट्रॉलियों पर सवार किसान राजघाट के पास चौधरी चरण सिंह की समाधि किसान घाट की और बढ़े और समाधि पर फूल माला अर्पण कर किसान क्रांति यात्रा को खत्म किया. किसानों के मुताबिक सरकार को वो उसके वादों को याद दिलाना चाहते थे जिसमें वो सफल रहे.
ज्यादातर किसान तो अपने अपने घऱों को लौट रहे हैं लेकिन कुछ किसान अब भी डटे हुए हैं. दिल्ली में किसान घाट पर पहुंचने के बाद कुछ किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा, और वो वापस नहीं लौटेंगे.
गांधी-शास्त्री जयंती पर जमकर हुआ हंगामा
अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी और जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शात्री की जयंती के मौके पर मंगलवार को किसानों औऱ जवानों के बीच हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला. किसानों को पुलिस ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गाजीपुर इलाके में ही रोक दिया, जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया. पुलिस ने किसानों के रोकने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन किसान भी डंटे रहे. सुरक्षाबलों ने किसानों पर लाठियां भी चलाई और कई किसानों को गंभीर चोट लगी, जिसके बाद देर रात तक सड़कों पर कोहराम मचा रहा.
क्या मांग कर रहे हैं किसान?
किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो. इसके साथ ही किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए. किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन मिले. किसान अपने लिए पेंशन की भी मांग कर रहे हैं. गन्ने की फसल को लेकर भी किसान लंबे समय से आंदोलन चला रहे हैं. उनकी मांग है कि गन्ने का भुगतान 14 दिन में सुनिश्चित किया जाए.
दिल्ली के आसपास के इलाकों के किसान ट्रैक्टर के जरिए मंडी तक अपनी फसल लाते हैं. ऐसे में किसानों की मांग है कि एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस कराया जाए. कामर्शियल इस्तेमाल में आने वाली चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपये किलो तय किया जाए.
इससे पहले कल किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए गाजियाबाद में प्रशासन ने आज स्कूलों को बंद रखने का एलान भी किया है. इससे पहले कल किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए गाजियाबाद में प्रशासन ने आज स्कूलों को बंद रखने का एलान भी किया है.
आज रबी की फसलों पर एमएसपी बढ़ा सकती है सरकार
चुनावों से पहले किसानों का गुस्सा मोदी सरकार को भारी पड़ सकता है. इसी मुश्किल से पार पाने के लिए मोदी कैबिनेट की अहम बैठक में आज रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी पर मुहर लग सकती है.
गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ने की संभावना है, जो 1840 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा. चना का समर्थन मूल्य 220 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ने की संभावना है, जो 4620 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा. मसूर का समर्थन मूल्य 225 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ने की संभावना है, जो 4475 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा.
बजट में मोदी सरकार ने किसानों को उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना कीमत देने का वादा किया था. इसी वादे को पूरा करते हुए इस साल जुलाई में धान समेत सभी ख़रीफ़ फ़सलों के एमएसपी में बड़ी बढ़ोत्तरी की गई थी और अब रबी की फसलों पर एमएसपी बढ़ाए जाने की पूरी उम्मीद है.