नई दिल्ली: गांधी जयंती के मौके पर देश की राजधानी की चौखट पर किसान और जवान आमने सामने हैं. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हजरों किसान नौ दिन की यात्रा के बाद दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गए हैं. किसान राजघाट से संसद तक मार्च निकालना चाहते हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक रखा है. पुलिस ने किसानों पर नियंत्रण के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस के लाठी चार्ज के चलते कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई हैं. किसान नेता नरेश टिकैत सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाए हैं, नरेश टिकैत का कहना है कि इतना पुलिस बल लगागा गया है, क्या किसान आतंकी हैं?




  • किसान नेताओं और राजनाथ सिंह के बीच चली बैठक खत्म. किसान संघ और सरकार के बीच सात मांगों पर सहमति बनी. अब तीन मंत्री मौके पर जाकर किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश रैना और मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी इसकी घोषणा करेंगे.

  • जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी किसानों पर हुए लाठी चार्ज और पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया है. त्यागी ने कहा, ''राजघाट जा रहे निहत्थे किसानों से बुरी तरह बर्ताव किया गया. उन पर लाठी चार्ज किया गया, निशाना लगाकर आंसूगैस के गोले चलाए गए. हम इसकी निंदा करते हैं.''

  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ. अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!''

  • किसान नेताओं ने राजघाट आने की मांग रखी, कुछ नेताओं को शर्तों के अनुमति दी जा सकती है: सूत्र

  • सूत्रों के मुताबिक किसान नेता राकेश टिकैत से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर बात की है.

  • दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''दिल्ली सबकी है. किसानों को दिल्ली में आने से नहीं रोका जा सकता. किसानों की माँगे जायज़ हैं. उनकी मांगें मानी जायें.''

  • इस बीच खबर है कि किसानों के आंदोलन के नेता राकेश टिकैत हिंसा की घटना से नाराज हैं. नरेश टिकैट के राजनाथ सिंह के घर हो रही बैठक के में जाने पर सस्पेंस बना हुआ है. राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग नहीं मानी जाएगी तो किसान क्या करेगा?

  • कांग्रेस ने भी किसानो के आंदोलन का मसर्थन किया. कांग्रेस ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार ब्रिटिश सरकार की तरह बर्ताव कर रही है.

  • किसानो के आरएलडी नेता अजित सिंह ने भी समर्थन दिया है.

  • किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिला है. फिलहाल गृहमंत्री के घर के घर किसानों की बैठक चल रही है.

  • यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं.

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन किया है. केजरीवाल का कहना है कि किसीनों को दिल्ली में आने दिया जाए.

  • पुलिस के लाठी चार्ज के चलते कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई हैं.


किसानों की ये यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार से शुरु हुई थी. दिल्ली के पास यूपी बार्डर पर हजारों किसान जुटे हुए हैं. किसानों ने दिल्ली कूच का एलान किया है. यूपी की सीमा से लगे पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है. किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में आरएएफ, पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है.


दिल्ली पहुंचे किसानों की क्या है मांग और इसे पूरा करने में सरकार को क्या परेशानी हो सकती है?


दंगा नियंत्रण वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की भी तैनाती की गई है. प्रशासन की कोशिश यही है कि किसानों को किसी भी तरीके से दिल्ली के अंदर दाखिल नहीं होने दिया जाए. प्रशासन ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. संसद भवन और राजघाट के आसपास भी सुरक्षा व्यस्था बेहद चाकचौबंद कर दी गई है. दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से संभलकर यात्रा करने की अपील की है.


क्या हैं किसानों की मांगे?
-स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की आय तय हो
-किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाए
-किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन मिले
-देश में किसानों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए
-14 दिन में गन्ने का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
-एनसीआर में दस साल पुराने ट्रैक्टर पर प्रतिबंध के आदेश को वापस कराया जाए
-कामर्शियल इस्तेमाल में आने वाली चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपये किलो तय किया जाए


जब किसानों ने 5 स्टार में खाया खाना!
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में किसान क्रांति यात्रा के दौरान किसानों ने सोमवार को फाइव स्टार होटल कंट्री इन के सामने प्रदर्शन किया. किसानों की मांग थी कि उन्हें होटल में नाश्ता और खाना खिलाया जाय. किसानों की दबंगई से होटल के कर्मचारी झुक गए और उन्हें किसानों की मांग मानने को मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद किसानों ने फाइव स्टार होटल में खाना खाया.