नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस के डीसीपी हेडक्वाटर चिन्मय बिस्वाल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. इसे लेकर उन्होंने किसान नेता दर्शन पाल को पत्र लिख कर ट्रैक्टर मार्च के दैरान हुई हिंसा को लेकर जवाब मांगा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि किसान नेताओं और किसानों ने दिल्ली पुलिस के साथ हुए एग्रीमेंट और नियमों को तोड़ा इसलिए उन पर लीगल एक्शन लिए जाएंगे. इस पर चिन्मय बिस्वाल ने अपने पत्र के जवाब में 3 दिन में जवाब मांगा है.
डीसीपी हेडक्वाटर चिन्मय बिस्वाल ने अपने पत्र के जरिए क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल सिंह से ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा करने वाले और आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के नाम दिल्ली पुलिस को उपलब्ध कराने की बात कही है.
दिल्ली पुलिस ने तय किए थे रूट
बता दें कि लंबे समय से किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाले जाने की बात कर रहे थे. जिस पर सुरक्षा को लेकर दिल्ली की पुलिस इसकी इजाजत नहीं दे रही थी. वहीं किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच हुई बातचीत के बाद किसानों की ट्रैक्टर परेड के लिए रूट तय कर दिए गए थे.
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि ट्रैक्टर परेड के दौरान ट्रैक्टर को बिना ट्राली के ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से केएमपी एक्सप्रेसवे तक, टिकरी बॉर्डर से वेस्टर्न पेरीफैरियल एक्सप्रेसवे तक और गाजीपुर बॉर्डर से करनाल जीटी एक्सप्रेसवे तक मार्च करने की इजाजत दी थी.
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा
वहीं कुछ किसानों का दल निर्धारित रूट पर चलने के बजाए दिल्ली में प्रवेश कर गया, जिस दौरान लाल किले पर पहुंचे किसानों के एक दल की दिल्ली पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई. वहीं पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू को लाल किले पर निशान साहिब फहराते देखा गया.
इसे भी पढ़ेंः
राजधानी में उपद्रव के बाद हरियाणा सरकार की सख्ती, 3 जिलों में 28 जनवरी की शाम 5 तक इंटरनेट और SMS सेवाएं बंद
खालिस्तानी और पाकिस्तानी मंसूबों का गठजोड़ बेपर्दा, लाल किले के उपद्रव को भुनाने में जुटा