मुबंई: इसी साल 7 अगस्त के दिन मध्य रेल पर भारत की पहली किसान रेल देवलाली से दानापुर के लिए रवाना हुई थी, और यह अब देवलाली और मुज़फ़्फ़रपुर के बीच सप्ताह में 3 दिन चल रही है. किसान रेल को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और दिनांक 2.10.2020 तक 19 ट्रिप से 5,223 टन माल का परिवहन किया गया है.


किसान रेल में अनार, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, अदरक, नींबू, आइस्ड फिश जैसे माल का परिवहन किया जा रह है. अनार 2,039 टन, मिक्स सब्जियां 1,303 टन और अन्य वस्तुओं का परिवहन किया गया है.


मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी ऐ. के. सिंह ने बताया की, ' सोलापुर मंडल के सांगोला, मोडलिंब, बेलवंडी, बेलापुर और कोपरगाँव स्टेशनों पर पीओएस मशीनों की स्थापना के साथ किसान रेल में कृषि उपज की बुक करने की एक नई सुविधा भी पेश की गई है, जिससे व्यवसाय और त्वरित लेनदेन में आसानी और समय की काफ़ी बचत होती है. किसानों को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है. हम मिलकर कोरोना लड़ सकते हैं.





किसान रेल सेवा को पसंद की गई
पीयूष गोयल ने कहा कि किसान रेल सेवाओं को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. रेलवे और कृषि मंत्रालय किसान रेल गलियारों को संस्थागत रूप देने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि फलों और सब्जियों के लिए उसे मौसम अनुकूल बना सकें. "हम कृषि मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहे हैं. गोदामों को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे कृषि उपज के अपव्यय की समस्या का स्थायी समाधान हो सके.”

उन्होंने कहा, “जल्दी खराब हो जाने वाली चीजों के परिवहन के लिए लिए शीतानुकूल रेलवे कोच शुरू करने के लिए हम कृषि मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहे हैं. गोदामों को विकसित करने की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे कृषि उपज के अपव्यय की समस्या का स्थायी समाधान हो सके.” पहली किसान रेल को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के लिए झंडी दिखा कर रवाना किया गया. नागपुर से देश के विभिन्न भागों में संतरे के परिवहन के लिए नागपुर से किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है, क्योंकि नारंगी मौसम शुरू हो गया है.




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