कोलकाता: बंगाल के हुगली जिले के एक किसान ने तकदीर बदलने का अनोखा तरीका अपनाया. उसने सोचा कि दुधारू गाय के बदले उसे सोना मिल जाएगा. जिससे उसकी बंद तकदीर का दरवाजा खुल जाएगा. और फिर देखते देखते अमीर हो जाएगा. लेकिन जब उसे गोल्ड लोन दफ्तर से भगा दिया गया तो उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.


दुधारू गाय के बदले सोना हासिल करने की तरकीब


सुशांत मंडल अपनी गाय और उसके बछड़े के साथ गोल्ड लोन लेने मणप्पुरम गोल्ड लोन के दफ्तर पहुंचा. जहां उसको दफ्तर के सामने घंटों खड़ा रहना पड़ा. उसे उम्मीद थी कि कर्मचारी उसकी दुधारू गाय के बदले सोना देंगे. लेकिन बजाय सोना देने के कर्मचारियों ने उसे शरारती तत्व समझ भगा दिया.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयान से प्रभावित


दरअसल पिछले दिनों बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया था कि भारतीय गायों के दूध में सोना होता है. घोष के बयान ने सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इसी क्रम में जब मंडल को इसकी जानकारी हुई तो गोल्ड लोन लेने मणप्पुरम के ऑफिस पहुंच गया. मंडल को जब कर्मचारियों ने ऑफिस से भगाया तो स्थानीय पंचायत कार्यालय की तरफ रवाना हो गया.


किसान को गुमराह किया गया : दिलीप घोष


बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को जब घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बताया कि किसान को गुमराह किया गया है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब तृणमूल कांग्रेस की साजिश है. उन्होंने पूछा कि क्या किसान को सोशल मीडिया की जानकारी है? सुशांत मंडल एक साधारण किसान है. उसके पास न तो स्मार्टफोन है और न ही पढ़ा लिखा है. ऐसे में उसे मेरे बयान के बारे में कैसे जानकारी हुई?


किसान की पत्नी का दावा


मंडल की पत्नी का दावा है कि दिलीप घोष के बयान के बाद उनके पति ने 12 गायों को गोल्ड लोन दफ्तर ले जाने का मंसूबा बनाया था. उसने कई ग्रामीणों को इसका विश्वास भी दिलाया था कि दुधारू गाय के बदले करोड़पति बना जा सकता है. लेकिन अब जबकि उसे दफ्तर से भगा दिया गया है तो लोग उनके पति का मजाक उड़ा रहे हैं. हमलोग पढ़े लिखे नहीं हैं.