(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमेरिका-ईरान तनाव से बिगड़ सकता है आम भारतीयों का बजट, बढ़ सकती है मंहगाई की मार
अमेरिका के इस रवैये से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है. जिसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भारत में प्रति लीटर 10 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है.
नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने का असर भारत पर भी हो सकता है. अमेरिका जिस तरह के संकेत दे रहा है उससे लगता है कि आने वाले दिनों में ईरान को लेकर वह बड़ी कार्रवाई कर सकता है. उधर ईरान ने भी अमेरिका की इस कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने की धमकी दी है. जल्द ही इन देशों के बीच अगर शांति बहाल नहीं होती है तो भारत में इसका असर मंहगाई के रूप में देखने को मिल सकता है.
माना जा रहा है कि अमेरिका के इस रवैये से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है. जिसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भारत में प्रति लीटर 10 रुपये तक की वृद्धि हो सकती है अगर वाकई में ऐसा होता है तो आम भारतीय पर भी इसकी मार दिखाई देगी. तेल के दाम बढ़ने से रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी चीजों की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो जाएगी. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. इससे जनवरी से मार्च के बीच कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर तक पहुंच सकती है.
गिर सकता है रुपया
हालात अगर जल्द नहीं सुधरे तो कच्चे तेल के दाम बढ़ने का सीधा असर भारतीय मुद्रा पर पड़ेगा. डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होगा. इससे रुपये में गिरावट आएगी. रसोई गैस के दाम भी बढ़ जाएंगे. तनाव के चलते डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर हुआ है. साप्ताहिक आधार पर रुपये में 45 पैसे की कमजोरी दर्ज की गई. सोना और चांदी की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है.
आम आदमी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
रुपये कमजोर होता है और तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होती है तो इसका सीधा असर हमारी रसोई पर दिखाई देगा. ईरान और अमेरिका की तनातनी महिलाओं के घर का बजट बिगाड़ सकता है. सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं. क्योंकि तेल मंहगा होने के कारण किराया महंगा हो जाएगा जिसका खाने पीने की चीजों की कीमतों पर असर होना तय है.
व्यापारी रखे हुए हैं नज़र
वैश्विक संकट पर व्यापारियों ने अपनी नजरें जमा रखी हैं. वहीं देश में होने वाले चावल उद्योग पर भी इसका असर पड़ सकता है. भारत से बड़ी मात्रा में चावल की विभिन्न किस्मों का ईरान सहित खाड़ी देशो में भेजा जाता है लेकिन इस तनाव का व्यापार पर भी असर पड़ सकता है.