Kolkata Municipal Corporation Election 2021 Results: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के सात महीने बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की सत्ता पर लगातार तीसरी बार कब्जा कर लिया. पार्टी के उम्मीदवारों ने 144 वार्डों में से 134 में जीत दर्ज कर ली है. वहीं बीजेपी ने तीन, कांग्रेस ने दो, लेफ्ट ने दो और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रचंड जीत के लिए महानगर के लोगों का आभार जताया. उन्होंने कहा, “मैं इस जीत को राज्य के लोगों और मां माटी, मानुष को समर्पित करना चाहती हूं. बीजेपी, कांग्रेस और माकपा जैसे कई राष्ट्रीय दलों ने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे सभी हार गए. यह जीत आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति को रास्ता दिखाएगी.”


भले ही टीएमसी अपनी प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे हो और बीजेपी दूसरे नंबर पर हो, लेकिन मत प्रतिशत के मामले में, अधिकतर वार्डों में वाम मोर्चा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है.


अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने शहर की सभी 16 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी और बीजेपी मत प्रतिशत के मामले में सभी सीटों और केएमसी वार्डों में मुख्य चुनौती के रूप में उभरी थी.


टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने भी “विशाल जनादेश” के लिए कोलकाता के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने ट्वीट किया, “कोलकाता के लोगों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बंगाल में नफरत और हिंसा की राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. इतने विशाल जनादेश से हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं सभी का धन्यवाद करता हूं. हम वास्तव में बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं और हमेशा आपकी बेहतरी के लिए अपने लक्ष्यों में प्रतिबद्ध रहेंगे. धन्यवाद कोलकाता.”


पार्टी के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के पूर्व महापौर फरहाद हाकिम ने कहा कि यह शहर में पिछले एक दशक में पार्टी के विकास कार्यों की जीत है. हाकिम ने कहा, “2010 से हमारे विकास के प्रयास इस जीत को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त थे. अभी, हम पर्यावरणीय मुद्दों सहित बेहतर नागरिक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे. हम निकट भविष्य में शहर को कोविड मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे.”


दूसरी ओर बीजेपी ने परिणामों को “आतंक के शासन” का प्रतिबिंब बताया, जिसे टीएमसी ने फैलाया था.  बीजेपी नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “यह परिणाम अपेक्षित था क्योंकि केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए थे.” माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती को नतीजों में एक बढ़त दिखी है, क्योंकि वाम मार्चा अधिकतर वार्डों में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा, “ अगर चुनाव निष्पक्ष हुए होते, तो हमारे नतीजे बहुत बेहतर होते.”


केएमसी के लिए चुनाव रविवार को हुआ था. इस दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं थीं, जिनमें दो बूथ पर बम फेंकना शामिल है. चुनाव में 63 फीसदी मतदान हुआ था. टीएमसी केएमसी की सत्ता पर 2010 से काबिज़ है. उसने 2015 के चुनाव में 124 सीटें जीती थीं, जबकि वाम मोर्चे को 13 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने पांच और कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी.