एबीपी न्यूज के पीएनबी घोटाले के खुलासे के बाद डायमंड किंग नीरव मोदी पर शिकंजा कसने लगा है. उसे देखते ही पकड़ने के लिए लुकआउट नोटिस जारी हो गया है. मुंबई, दिल्ली, सूरत में उसके 10 ठिकानों पर छापेमारी हुई है. साढ़े ग्यारह हजार करोड़ के घोटाले को पीएनबी के एमडी सुनील मेहता ने कैंसर, एक्शन को सर्जरी कहा है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना कि नीरव मोदी ने पैसे लौटाने की पेशकश की थी. जानिए इस केस से जुड़ी 10 खास बातें-

1. पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार 500 करोड़ का महाघोटाला हुआ है. मेहुल चौकसी और नीरव मोदी पर इस घोटाले का आरोप है. मेहुल चौकसी जूलरी किंग और नीरव मोदी डायमंड किंग के नाम से मशहूर हैं. एबीपी न्यूज ने ही सबसे पहले इस घोटाले का खुलासा किया था. अब नीरव मोदी पर शिकंजा कस रहा है. ईडी ने 10 ठिकानों पर छापे मारे हैं.

2. सीबीआई ने भी देखते ही पकड़ने के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है. घोटाले का खुलासा होने से पहले ही डायमंड किंग नीरव मोदी स्विट्जरलैंड के दावोस गया. मुंबई में नीरव मोदी के घर पहुंचे एबीपी न्यूज संवाददाता गणेश ठाकुर को जानकारी मिली कि नीरव मोदी दो महीने पहले ही बड़े सूटकेस के साथ घर से निकला था.



3. मुंबई के वालकेश्वर में पीएनबी घोटाले के आरोपी कारोबारी मेहुल चौकसी के घर जब एबीपी न्यूज की टीम पहुंची तो पता लगा कि मेहुल चौकसी और उसके रिश्तेदार अब वहां नहीं रहते. सूत्रों ने बताया कि मेहुल चौकसी देश में ही नहीं है. बिल्डिंग के वॉचमैन के मुताबिक पुलिस की टीम भी पूछताछ करने आ चुकी है लेकिन उन्हें नहीं पता मेहुल चौकसी का परिवार कहां है.

4. नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों- डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टैलर डायमंड के जरिए जाल बुना. इन तीनों कंपनियों के नाम पर इन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से कहा कि उन्हें हांगकांग से सामान मंगाना है. सामान मंगाने के लिए उन्होंने पीएनबी से एलओयू यानि लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने को कहा.



5. उन्होंने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की. लेटर ऑफ अंटरटेकिंग का मतलब होता है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है.

6. पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए. हांगकांग से करीब 280 करोड़ रूपए का सामान इंपोर्ट किया गया. 18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ पीएनबी की मुंबई ब्रांच में पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा.

7. बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना भी पैसा विदेश में भेजना है उतना नकद जमा करना पड़ेगा. कंपनियों के अधिकारियों ने फिर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा.

8. बैंक ने जब जांच शुरू की तो उनके होश उड़ गए क्योंकि पीएनबी के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए.



9. बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया, मामला सीबीआई में पहुंचा, जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 लेटर ऑफ अंडरटेंकिंग फर्जी तरीके से जारी किए गए. पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया.

10. हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी. यानी अब इन 280 करोड़ रूपयों की देनदारी पीएनबी की हो गयी है.