नई दिल्ली: #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पद से इस्तीफा दे दिया है. पत्रकार प्रिया रमानी समेत करीब 20 महिलाओं ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 'वह मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं, वह अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी हैसियत से चुनौती देंगे. इसलिए मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया.' यहां है उन पांच महिलाओं की आपबीती जिन्होंने अकबर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया.

क्या है मामला?
प्रिया रमानी ने MeToo कैंपेन के तहत एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. उसके बाद करीबन 20 महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. सभी आरोप तब के हैं जब एमजे अकबर बड़े मीडिया संस्थानों में ऊंचे ओहदे पर थे. प्रिया रमानी, गजाला वहाब, शुमा रहा उन महिलाओं में शामिल हैं.

कौन हैं प्रिया रमानी

प्रिया रमानी लंबे समय से मीडिया इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. उन्होंने कई संस्थान जैसे इंडिया टुडे, इंडियन एक्सप्रेस आदि में काम किया है. इसके अलावा उन्होंने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के लिए भी काम किया है. प्रिया अतंरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन कॉस्मोपॉलिटन की संपादक रह चुकी हैं. वह मिंट अखबार में भी फीचर संपादक रह चुकी हैं. इसके अलावा वह किताबों की दुनिया में मशहूर पब्लिशिंग हाउस जगरनॉट की भी संपादक रही हैं.

प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर आरोप लगाते हुए क्या लिखा था

ये तथ्य एम जे अकबर के बारे में लिखने से शुरू कर रही हूं. उनके बारे में बहुत सारी महिलाओं के बुरे अनुभव हैं. उम्मीद हैं वो भी इसे साझा करेंगी. आपने मुझे करियर में पहला पाठ पढ़ाया. मैं 23 की थी और आप 43 के. आप को पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी, प्रोफेशनली आप मेरे हीरो थे. सभी लोग कहते थे आपने देश की पत्रकारिता को बदल दिया है, इसलिए मैं आपकी टीम का हिस्सा बनना चाहती थी. आपने मुझे इंटरव्यू के लिए साउथ मुंबई के एक होटल में बुलाया. शाम के 7 बज रहे थे. होटल की लॉबी में पहुंचकर मैंने आपको फोन किया, आपने कहा आ जाओ. रूम में पहुंची तो वहां डेटिंग जैसा माहौल ज्यादा था, इंटरव्यू का कम. आपने अपने मिनी बार से मुझे ड्रिंक ऑफर किया, मैंने मना कर दिया. आपने वोदका ली, एक छोटे टेबल पर मैं और आप इंटरव्यू के लिए आमने-सामने थे. वहां से मुंबई का मरीन ड्राइव जिसे क्वींस नेकलेस कहते हैं, दिख रहा था. आपने कहा कितना रोमांटिक लग रहा है, आपने हिंदी फिल्म का पुराना गाना सुनाया और मुझसे संगीत पर मेरी रुचि के बारे में पूछने लगे. रात बढ़ती जा रही थी, मुझे घबराहट हो रही थी. कमरे में बिस्तर भी था, आपने कहा यहां आ जाओ, यहां बैठ जाओ, मैंने कहा नहीं मैं कुर्सी पर ही ठीक हूं. उस रात मैं किसी तरह बच गई, आपने मुझे काम दे दिया, मैंने कई महीने आपके साथ काम किया, लेकिन तय कर लिया कभी आपसे रूम में अकेले नहीं मिलूंगी. सालों बाद भी आप नहीं बदले . आपके यहां जो भी नई लड़की काम करने आती थी, आप उसपर अपना अधिकार समझते थे. आप उन्हें प्रभावित करने के लिए गंदी-गंदी तरकीबें अपनाते थे. उनसे कहते थे- मेरी तरफ देखो, पूछते थे क्या तुम्हारी शादी हो गई है, कंधा रगड़ते थे. आप भद्दे फोन कॉल और मैसेज करने में एक्सपर्ट हैं. आप जानते हैं कि कैसे चुटकी काटी जाए. थपथपाया जाए, जकड़ा जाए और हमला किया जाए, आपके खिलाफ बोलने की अब भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ज्यादातर युवा महिलाएं यह कीमत अदा नहीं कर सकतीं.

प्रेरणा सिंह का बुरा अनुभव
प्रिया रमानी की तर्ज पर प्रेरणा सिंह लिखती हैं, "वो एक शानदार संपादक थे जो राजनीति में डूबे रहते थे. उन्होंने मुझे मेरी पहली नौकरी के दौरान 'काम के बारे में चर्चा करने के लिए' अपने होटल के कमरे में बुलाया. जब मैंने ऐसी बातों के लिए मना किया तो उन्होंने काम के दौरान मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया. मैं अपनी कई मजबूरियों की वजह से कभी कुछ नहीं कह पाई लेकिन हां #MeTooIndia."

शुमा रहा की जुबानी
प्रिया रमानी के ट्वीट पर जवाब देते हुए शुमा रहा लिखती हैं कि ऐसी ही घटना उनके साथ भी हुई थी. उनके साथ कोलकाता के ताज बंगाल में एमजे अकबर ने ऐसा ही किया था. शुमा लिखती है कि ऐसी घटना के बाद उन्होंने नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया. हालांकि, उन्होंने ये भी लिखा है कि वो साफ कर देना चाहती हैं कि अकबर ने उनके साथ कुछ किया नहीं था. लेकिन होटल में इंटरव्यू के नाम पर शराब पीने के लिए बुलाए जाने और इससे जुड़ी बाकी के अनुभव काफी असहज कर देने वाले थे.

पत्रकार गज़ाला मुस्तफा ने अपनी आपबीती बताई
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए गज़़ाला मुस्तफा ने कहा कि उन्होंने एशियन एज 1994 में एक इंटर्न के तौर पर ज्वॉइन किया था जहां एमजे अकबर एडिटर थे. एमजे अकबर उन्हें एशियन एज के इंट्रानेट पर भद्दे संदेश भेजा करते थे और उन्हें अक्सर अपने केबिन में बुलाया करते थे जहां बार-बार उनको हैरेस किया जाता था. गज़ाला ने बताया कि उन्हें अकबर के कमरे में बुलाया गया जहां वो अपने साप्ताहिक कॉलम को लिख सकें. उन्हें डिक्शनरी में एक शब्द देखने के लिए अकबर ने कहा और उसी समय अकबर ने उनकी कमर पकड़ ली.

शुतपा पॉल
शुतपा पॉल ने प्रिया रमानी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए ट्वीट में हैशटैग #MeToo का इस्तेमाल करते हुए बताया कि उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ जब वो कोलकाता में इंडिया टुडे में काम कर रही थीं. उन्होंने लिखा कि मैंने साल 2010 में इंडिया टुडे ज्वॉइन किया और मैं उस संस्थान का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित थी. मेरे पिता को खोने के एक महीने बाद वो नौकरी मेरे लिए काफी अहम थी. ट्विटर पर अपने बुरे अनुभव को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि अकबर उनके साथ अपनी मीटिंग होटल के कमरों में तय करते थे और उसमें से कई बार असुविधाजनक समय पर वो बैठक होती थीं.

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