शिलॉन्ग: कॉनराड संगमा आज मेघालय के 12वें मुख्यमंत्री बने. अपने पिता पी ए संगमा की छत्रछाया में कम उम्र में राजनीति में आने वाले कॉनराड संगमा ने मेघालय विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी एनपीपी का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया. उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट किया. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा के बेटे कॉनराड संगमा मार्च 2016 में अपने पिता के निधन के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी का प्रभार संभाला और इसे कांग्रेस के खिलाफ मुख्य प्रतियोगी के तौर पर पेश किया. राज्य में कांग्रेस की दस साल तक सत्ता थी.


एनपीपी ने 2013 के विधानसभा चुनावों में 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें केवल दो सीटों पर उसे जीत मिली थी और उसका मत प्रतिशत दस फीसदी से भी कम था. यहां तक कि कॉनराड भी बड़े अंतर से हार गए थे. लेकिन 2016 में तूरा लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने के बाद उनकी तकदीर पलटने लगी.


कॉनराड संगमा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुकुल संगमा की पत्नी डिक्कानची डी शिरा को करीब दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया और अपने पिता की सीट को बरकरार रखा. उनके पिता इस सीट पर चार दशक से ज्यादा समय तक जीतते रहे. उनके पिता पूर्नो ए. संगमा नौ बार सांसद रहे और 1988 से 1990 तक मेघालय के मुख्यमंत्री रहे.


कॉनराड ने राजनीति में अपना पहला पाठ 1999 में तब सीखा जब उन्हें उनके पिता का प्रचार प्रबंधक बनाया गया. उस समय पी ए संगमा ने कांग्रेस छोड़ दिया था और शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से नजदीक से जुड़ गए. उन्होंने 2013 में एनसीपी से संबंध तोड़कर एनपीपी का गठन किया था.


लंदन यूनिवर्सिटी से आंत्रेप्रेन्युरियल मैनेजमेंट और वित्त में स्नातक कॉनराड संगमा 2008 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए और डोनकूपर रॉय नीत कांग्रेस सरकार में एक साल तक वित्त मंत्री रहे. वह विधानसभा में 2010 से 2013 के बीच विपक्ष के नेता रहे. उनकी पार्टी ने इस साल राज्य विधानसभा चुनावों में 51 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 19 सीटों पर उन्होंने चुनाव जीतकर पिछले दो दशक में किसी क्षेत्रीय दल द्वारा सबसे ज्यादा सीट हासिल की. उनका वोट प्रतिशत 20.6 रहा. ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस ने 1972 में 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कॉनराड संगमा ने अन्य क्षेत्रीय दलों, बीजेपी और एक निर्दलीय विधायक के सहयोग से गठबंधन की सरकार बनाई.


एनपीपी नेता का जन्म तूरा में हुआ था जो पश्चिम गारो हिल्स जिला के गारो हिल्स डिविजन का मुख्यालय है. वह वर्तमान में इसी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में सांसद हैं.