नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. सरकार की सलाह पर सरकारी और प्राईवेट कंपनियों के कर्मचारी घर में रहकर काम कर रहे हैं. ऑफिस से काम करना और घर से काम करने में काफी अंतर है. ऑफिस में रहकर जब हम काम करते हैं तो कंपनी हमें पूरी साइबर सुरक्षा देती है, लेकिन घर से काम करने के दौरान हमारी साइबर सुरक्षा काफी हद तक कम हो जाती है. इस रिपोर्ट में पढ़ें कि कैसे घर से काम करने पर भी हम अपनी साइबर सुरक्षा पुख्ता कर सकते हैं. जानें इस दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.


दरअसल इन दिनों साइबर हैकर्स बहुमूल्य जानकारी चुराने की कोशिश में कर्मचारियों और उनकी साइबर कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं. ऐसे हालातों में सिर्फ आईटी सेक्टर के कर्मचारी ही नहीं बल्कि आम कर्मचारियों को भी अपनी साइबर सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है.


बरतें ये सावधानियां




  • अगर ऑफिस के काम के दौरान कुछ देर के लिए आप किसी और काम में बिज़ी हो जाते हैं या कुछ देर के लिए घर से बाहर जाते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपका लेपटॉप या कंप्यूटर बंद है. इतना ही नहीं आपका मोबाइल, जिससे आप अपने जरूरी काम और ऑफिस के मेल चेक करते हैं, वह आपके पास हो.

  • अगर आप अपने रूममेट या छोटे बच्चों के साथ रह रहे हैं, तो अपने कंप्यूटर के लॉक ऑप्शन का इस्तेमाल जरूर करें. यह ऑफिस और घर से काम करने, दोनों के लिए बेहद जरूरी है.

  • अगर आप अपने घर में किसी एक स्थान पर काम नहीं करते और बार-बार जगह बदलते रहते हैं, तो ध्यान रखें कि काम खत्म होने के बाद आप अपने सभी गैजेट्स इक्ट्ठा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रखें. ताकि बाद में उन्हें कोई इस्तेमाल या चोरी न करे. इतना ही नहीं ये आपके घरेलू जीवन से आपके काम को अलग करने में भी मदद करेगा.

  • घर से काम करते वक्त सुनिश्चित करें कि आपके काम को कोई नहीं देख रहा हो. अपने आसपास के अन्य लोगों को यह न देखने दें कि आप स्क्रीन पर क्या टाइप कर रहे हैं. अगर आप ऐसा नहीं करते तो आंतरिक हैकर आपकी सूचना को मिनटों में आसानी से एक्सेस कर सकते हैं.

  • ऑफिस का काम करने के दौरान हमेशा अपने पर्सनल गैजेट्स का इस्तेमाल करें. अपने गैजेट्स से अपने बच्चों को दूर रखें. क्‍योंकि बच्‍चे आपके लैपटॉप पर पानी, चाय या खाना गिराकर उसे खराब भी कर सकते हैं.


ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए किसी झांसे में न आएं




  • हैकर्स फिशिंग ईमेल से फंसाते हैं. फिशिंग ईमेल के जरिए लोगों को हमले का शिकार बनाया जा रहा है. फिशिंग ईमेल्स के जरिए हैकर्स कोरोनो वायरस से संबंधित भय को भुनाने की कोशिश भी कर सकते हैं. ऐसे मेल्स को खोलने से पहले पूरी सावधानी बरतें, जब तक कि वे किसी ज्ञात, विश्वसनीय स्रोत से न हों.

  • सोशल मीडिया पर ज्यादा जोखिमों से सावधान रहें और सामान्य व्यवहार और दिनचर्या को बनाए रखने की कोशिश करें. क्या आप सामान्य रूप से दोपहर के भोजन के दौरान अपने फोन पर सोशल मीडिया की जांच करते हैं. दरअसल अपराधी लोगों का शोषण करने के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा प्रयोग करते हैं.



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