नई दिल्ली: बाबा केदारनाथ धाम में पिछले चार साल से एक शिला की भी पूजा हो रही है. आपदा के समय मंदिर को बचाने वाली ये चट्टान अब दिव्य शिला कही जाती है. 2013 की तबाही के बाद इस शिला की अहमियत बढ गई है.


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15-16 जून 2013 की रात ये चट्टान केदारनाथ मंदिर के आगे दीवार की तरह खड़ी हो गई थी. केदारनाथ मंदिर के ऊपर गांधीसागर से जब सैलाब आया तो इस चट्टान ने पानी को दो भागों में बांट दिया औऱ मंदिर को बचा लिया. अब मंदिर के पीछे पानी के खतरे वाली जगह को बाड़ से घेर दिया गया है.



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2013 में मंदिर को तबाही से बचाने वाली शिला को दिव्य शिला कहा जाने लगा है औऱ विधिवत इसकी पूजा भी हो रही है. केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिहाज से हर वो तैयारी पूरी कर ली गई है, जिससे मंदिर को नुकसान से बचाया जा सके.



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बता दें कि केदारनाथ यात्रा आज से शुरू हो रही है. 15-15 जून 2013 की तबाही के बाद इस धाम का कायाकल्प हुआ है. उत्तराखंड सरकार की लाइफलाइन कही जाने वाली चार धाम यात्रा केदारनाथ के बिना अधूरी है. आज कपाट खुलते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के दर्शन करेंगे.


केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के चार धाम में से एक है.  केदारनाथ मंदिर के कपाट नवंबर में बंद हो जाते हैं. मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया के बाद मई में खुलते हैं. केदारनाथ यात्रा 2013 की तबाही के बाद शिथिल पड़ी रही है.