रेल रिजर्वेशन के बाद जब आप पीएनआर स्टेटस चेक करते हैं तो आपके रिजर्वेशन को कई तरह के कोड्स से चिहिंत किया जाता है, जैसे कि आपका टिकट कंफर्म हुआ या नहीं, या वेटिंग में है या फिर किसी और केटगरी में है. इन सभी के लिए रेलवे कई तरह के एब्रीवीएशन कोड इस्तेमाल करता है.


क्या हैं वो कोड एब्रीवीएशंस और क्या है उनका मतलब


जब आप रेलवे की वेबसाईट पर जाकर पीएनआर नंबर डालते हैं. तो आईए जानते हैं कि उसके बाद पीएनआर स्टेटस विंडो में आने वाले एब्रवीएशंस का क्या मतलब होता है. ये अंग्रेजी में होते हैं जैसे CNF का मतलब होता है confirmed, RAC का मतलब होता है Reservation against cancellation, WL का मतलब होता है कि आपका टिकट अभी वेटिंग में है इसी तरह अगर CAN लिखा हो तो इसका मतलब होता है कि आपका टिकट Cancel हो गया है. स्टेटस पर एक कोड और भी होता है GNWL इसका मतलब होता है General waiting list.


PNR नंबर के पहले अक्षर का भी अपना मतलब होता है


आपके पीएनआर नंबर में भी कोड छिपा होता है. ये देखना होता है कि आपके पीएनआर नंबर का पहला अंक क्या है. अगर ये 1 से शुरू हो रहा है तो ये किस रेलवे जोन का है और इसका PRS क्या है. तो 1 से शुरू होने वाला पीएनआर का PRS सिकंदराबाद है और इसका Railway zone SCR है. इसी तरह अगर ये 2 और 3 से शुरू हो रहा है तो इसका PRS दिल्ली है और इसका Railway Zone NR, NER, NCR या फिर NWR है. अगर पीएनआर 4 और पांच से शुरू हो रहा है तो इसका PRS Chennai है और इसका Railway zone SR, SCR या फिर SWR होगा. वहीं शुरू का नंबर 6 और 7 है तो इसका PRS Calcutta है और इसका Railway Zone ER, ECR, NFR, SER. ECOR या फिर SECR होगा. अब बात करते हैं 8 और 9 से शुरू होने वाले पीएनआर का तो इसका PRS Mumbai है और इसका Railway Zone CR, WR या फिर WCR होगा.


PNR कैसे जेनेरेट होता है और ये क्या दर्शाता है


पीएनआर 10 डिजिट का नंबर होता है पहले तीन नंबर यात्री के रिजर्वेसन सिस्टम यानी PRS का हिस्सा होते हैं. उसके बाद के 7 डिजिट इसलिए होते हैं जिसको आपको एक यूनीक पीएनआर नंबर दिया जा सके. पीएनआर नंबर यात्री और उसकी यात्रा का पहचान होता है. यानी किसका टिकट है और कहां जाना और किस रेलवे जोन का है. टिकट कंफर्म या नहीं वगैरह. इससे सीट नंबर, बोगी नंबर, केटेगरी, ट्रेन नंबर जैसी जानकारियां भी मिलती हैं.