(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हैदराबाद: एनकाउंटर पर सवालों के बीच लोगों की नजरों में असली सिंघम बने वीसी सज्जनार
हैदराबाद के महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर मामले में 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी वीसी सज्जनार की हर और तारीफ हो रही है. लेकिन कुछ लोग इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं.
हैदराबाद: तेलंगाना में वेटेरनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले के बाद जहां देशभर में आक्रोश देखा गया वहीं शुक्रवार सुबह जैसे ही एनकाउंटर की खबर आई उसके बाद अचानक लोग खुश हो गए. इस एनकाउंटर में हैदराबाद मामले के चारों आरोपियों को मार दिया गया था. एनकाउंटर के बाद लोग हीरो की तरह पुलिस की जय-जयकार कर रहे हैं.
ऐसे दिया गया एनकाउंटर को अंजाम
10 पुलिसकर्मियों की टीम सबूत जुटाने के लिए आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी. केस की जांच साइबराबाद कमिश्नर वीसी सज्जनार की अगुआई में चल रही थी. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पुलिस पर हमलाकर भागने की कोशिश की थी. इस दौरान उन्हें गोली चलानी पड़ी और चारों आरोपी मौके पर ही ढेर हो गए.
इस एनकाउंटर के बाद से पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार की लोग काफी तारीफ कर रहे हैं. 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी वीसी सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है. वीसी सज्जनार कर्नाटक के रहने वाले हैं. साइबराबाद पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभालने से पहले वह स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच के आईजी रह चुके हैं.
एंटी नक्सल यूनिट में रहने के दौरान उन्होंने कई नामी नक्सलियों का सरेंडर कराया था. अगस्त 2016 में सज्जनार के नेतृत्व में पुलिस ने नक्सली से गैंगस्टर बने मोहम्मद नईमुद्दीन को हैदराबाद के पास मार गिराया था. उसने पुलिस पर एके 47 से गोलियां चलाकर भागने की कोशिश की थी. इस दौरान भी इस तरह का प्लॉट सुनने को मिला था. हालांकि इस वक़्त भी सज्जनार को काफी सवालों का सामना करना पड़ा था.
कई एनकाउंटर को दे चुके हैं अंजाम
11 साल पहले भी उन्हीं की अगुआई में एसिड अटैक के 3 आरोपी इसी तरह मारे गए थे. तब कॉलेज छात्र कई दिनों तक उनसे मिलने के लिए घर पहुंचे थे. यहां तक कि उस वक़्त भी उन्हें हीरो की तरह देखा गया था. सज्जनार 2008 में वारंगल के एसपी थे. तब आरोपी एस श्रीनिवास राव ने दो दोस्तों के साथ मिलकर इंजीनियरिंग छात्रा पर एसिड फेंका था क्योंकि उसने श्रीनिवास का लव प्रपोजल ठुकरा दिया था. घटना से इलाके में काफी गुस्सा था.
वीसी सज्जनार की अगुआई में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन कुछ घंटे बाद ही आरोपी एनकाउंटर में मारे गए थे. उस वक़्त भी प्लॉट कुछ ऐसा ही था. जहां पुलिस ने बताया कि जब उन आरोपियों को स्पॉट पर लेकर गए थे तो उस वक़्त उन्होने कांच की बॉटल और एसिड की बॉटल जो कि पहले से ही घटनास्थल पर रखी गई थी उससे पुलिस पर हमला बोला था और पुलिस ने आत्मरक्षा में उन पर गोलियां चला दी थी.
इसके बाद सज्जनार कॉलेज छात्रों और इलाके के युवाओं के लिए किसी हीरो से कम नहीं थे. इस एनकाउंटर के बाद पीड़ित के कॉलेज की लड़कियां सज्जनार के घर पहुंची थीं और माला पहनाकर उनसे हाथ मिलाया था. कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं ने मिठाइयां बांटीं और पुलिस के समर्थन में नारे लगाए थे. दुष्कर्म के आरोपियों के मारे जाने के बाद भी घटनास्थल पर पुलिस जिंदाबाद के नारे लगे.
11 साल पहले और आज के एनकाउंटर की एक जैसी थ्योरी दिखाई दे रही है. शुक्रवार को हुए एनकाउंटर में भी साइबराबाद पुलिस ने ऐसी ही थ्योरी बताई है. दूसरी ओर, 2008 की घटना के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि त्वरित न्याय की मांग कर रही जनता के गुस्से को शांत करने के लिए सुनियोजित तरीके से तीनों को मारा था और यही आरोप अब सज्जनार पर लगाए जा रहे हैं. लेकिन इस एनकाउंटर को लेकर सवाल जो भी उठे, लेकिन वीसी सज्जनार लोगों के लिए असली सिंघम ज़रूर बन गए हैं.
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