पुदुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की इस वक्त सरकार है लेकिन आज होने जा रहे शक्ति परीक्षण में राज्य के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के लिए कुर्सी बचाना मुश्किल है. उसकी वजह है 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर अब 11 रह जाना. जबकि, विपक्षी दलों के पास 14 विधायक हैं. विश्वासमत के दौरान छह के इस्तीफे एक और को अयोग्य करार देने के बाद पुदुचेरी विधानसभा का आंकड़ा 26 का रह गया है.
कांग्रेस विधायक के लक्ष्मीनारायण और सहयोगी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायक वेंकटेशन ने रविवार को अपने इस्तीफे का ऐलान किया. इससे पहले कांग्रेस के 4 और विधायक भी इस्तीफा दे चुके हैं.
कांग्रेस के वर्तमान में 9 विधायक हैं. इनमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं, जिन्हें तब तक वोटिंग करने की अनुमति नहीं है जब तक कि कोई टाई न हो. कांग्रेस के पास MDK के 2 MLAs और माहे से चुने गए एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है. विपक्ष के पास पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगासामी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस के 7 MLA हैं, और चार AIADMK के हैं. BJP के नॉमिनेटेड सदस्य भी हैं, जिन्हें वोट देने की अनुमति होगी.
इस हिसाब से अगर सियासी गणित के आंकड़े को देखा जाए तो जब साल 2016 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस गठबंधन वहां की सत्ता में आया था तो उसके पास कुल 15 विधायक थे. साथ ही सहयोगी DMK के 4 और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ था.
लेकिन अब जबकि कांग्रेस के कुल 5 विधायक और डीएमके के 1 विधायक ने इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा एक को अयोग्य घोषित किया जा चुका है. इस स्थिति में अब पार्टी के पास कुल मिलाकर 12 विधायक बचे हैं. जबकि, विधानसभा में विपक्षी दल के पास इस वक्त 14 विधायक हैं. इनमें से 7 एनआर कांग्रेस के, 4 एआईएडीएमके के और 3 मनोनीत है जिन्हें किरण बेदी ने चुने थे. ऐसे में मुख्यमंत्री नारायणसामी की सरकार सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई है.