एक्सप्लोरर

Homi Jehangir Bhabha: होमी भाभा को कहा जाता है देश के परमाणु कार्यक्रम का जनक, क्या साजिश थी उनकी मौत? जानिए

Homi Jehangir Bhabha Profile: देश के महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की 56 साल की उम्र में विमान हादसे में मौत हो गई थी. दावा किया जाता है कि ये विमान हादसा करवाया गया था.

Homi Jehangir Bhabha Profile: सोनी लिव की वेब सीरीज 'रॉकेट ब्वॉयज' (Rocket Boys 2) का दूसरा सीजन गुरुवार (16 मार्च) को रिलीज हो गया है. ये सीरीज मुख्य रूप से देश के दो महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) पर आधारित है. इस सीरीज के पहले सीजन ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इस सीरीज के आने के बाद दर्शक वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के बारे में और ज्यादा जानने चाहता हैं. हम आपको बताते हैं होमी जहांगीर भाभा के बारे में.

होमी जहांगीर भाभा एक भारतीय परमाणु भौतिक वैज्ञानिक और मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के संस्थापक निदेशक थे. उन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता है. उन्होंने ऐसे समय में देश को परमाणु ऊर्जा सम्पन्न राष्ट्र बनाने का काम किया था जब दुनिया में शीत युद्ध चल रहा था और परमाणु हथियारों के दुष्परिणामों को लेकर इनकी खिलाफत की जा रही थी. हालांकि, भाभा ने आने वाले समय को पहचान लिया था और देश को परमाणु सम्पन्न राष्ट्र बनाने की जरूरत महसूस कर ली थी. 

जानिए होमी भाभा के बारे में

होमी भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था. उनके पिता जहांगीर होर्मुसजी भाभा, एक मशहूर वकील थे और उनकी मां मेहरबाई टाटा, उद्योगपति रतनजी दादाभाई टाटा की बेटी थीं. भाभा ने अपनी उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाने से पहले मुंबई में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की थी. कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फिजिक्स की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका जाने से पहले उन्होंने 1930 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की थी. इंजीनियरिंग के बाद उनका रुझान भौतिकी में बढ़ गया था. उन्होंने अपनी पीएच.डी. 1935 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से परमाणु भौतिकी में की थी. 

देश लौटकर साइंटिफिक रिसर्च में हुए शामिल 

ब्रिटेन में अपने परमाणु भौतिकी करियर की शुरुआत करते हुए भाभा सितंबर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने से पहले छुट्टी के लिए भारत लौट आए थे. युद्ध के कारण उन्होंने भारत में रहने फैसला लिया और साइंटिफिक रिसर्च में शामिल हो गए. उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में भौतिकी में पाठक का पद स्वीकार किया, जिसकी अध्यक्षता नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन कर रहे थे. इस दौरान भाभा ने महत्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रम शुरू करने के लिए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विशेष रूप से जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने बाद में भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.  

टीआईएफआर की स्थापना की

उन्होंने 1945 में मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) की स्थापना की, जो भारत में अग्रणी रिसर्च संस्थानों में से एक बन गया. उनके नेतृत्व में टीआईएफआर ने गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. भाभा ने भारत के परमाणु कार्यक्रम की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका मानना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश की वैज्ञानिक क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत का परमाणु संपन्न होना जरूरी है.

भारत का पहला परमाणु रिएक्टर विकसित किया

उन्होंने 1948 में भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम किया. उन्होंने इसके पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. भाभा के नेतृत्व में भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग ने 1956 में भारत का पहला परमाणु रिएक्टर, अप्सरा विकसित किया. रिएक्टर का उपयोग रिसर्च उद्देश्यों के लिए किया गया और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की नींव रखने में मदद की. उन्होंने भारतीय मंत्रिमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया और अंतरिक्ष रिसर्च के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति की स्थापना के लिए विक्रम साराभाई को महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की थी. 

कई पुरस्कार और सम्मान मिले

भाभा ने मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. केंद्र की स्थापना 1954 में भारत के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों में रिसर्च करने के लिए की गई थी. जहांगीर होमी भाभा को कई पुरस्कार और सम्मान मिले थे. 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1959 में भारत में एक और प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था. 

कैसे हुई थी होमी भाभा की मृत्यु?

होमी जहांगीर भाभा की 24 नजवरी 1966 में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक के लिए विएना जाते समय स्विस आल्प्स में माउंट ब्लैंक के पास एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. वे एयर इंडिया के विमान में सफर कर रहे थे. विमान हादसे का आधिकारिक कारण बताया गया था कि माउंट ब्लैंक पर्वत के पास जिनेवा हवाई अड्डे और उड़ान के पायलट के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. 

क्या साजिश थी होमी भाभा की मौत?

उनकी मृत्यु और विमान हादसे से जुड़ी कई धारणाएं हैं. कहा जाता है कि ये हादसा करवाया गया था. दावा किया गया है कि इस साजिश में अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) शामिल थी जो भारत के परमाणु कार्यक्रम को रोकना चाहती थी, लेकिन ये बात सिद्ध नहीं हुई. ये भी दावा किया जाता है कि अगर होमी भाभा की मौत नहीं हुई होती तो भारत 1960 के दशक में ही परमाणु संपन्न देश बन जाता. 

कुछ दिन के अंतराल पर देश ने खोए थे दो महान सपूत

इस दुर्घटना को लेकर कई लोगों का मानना था कि प्लेन में धमाका हुआ था. वहीं कुछ लोगों ने शक जताया कि इसे मिसाइल या लड़ाकू विमान के जरिए गिरवाया गया होगा. हालांकि, इन दावों की साजिश के एंगल से जांच नहीं हुई और ना ही कभी सच सामने आ पाया. भाभा की मौत पर शक करने के कुछ कारण भी थे. जिसमें सबसे पहला कारण ये था कि होमी जहांगीर भाभा और भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बीच कुछ दिन का अंतर था. दोनों की ही मौत संदिग्ध हालातों में हुई थी.

होमी जहांगीर भाभा के विमान हादसे के 2017 में कुछ सबूत भी हाथ लगे थे. एक रिसर्चर को फ्रांस की आल्प्स पहाड़ियों में माउंट ब्लैंक पर कुछ मानव अवशेष मिले थे. जिनके बारे में कहा गया था कि वे 1966 में हुए एअर इंडिया के विमान हादसे के हो सकते हैं. भाभा के सम्मान में मुंबई में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान का नाम बदलकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया था. 

ये भी पढ़ें- 

Maharashtra: देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता को धमकी देने वाली डिजाइनर गिरफ्तार, जानिए कौन है आरोपी महिला

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
Weather Update: ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News : महाराष्ट्र में नतीजों से पहले MVA की बड़ी बैठक, सियासी हलचल तेजसाली के इश्क में लाशों की बारात ! | SansaniGautam Adani Case: 'आरोप के चक्कर में देश को कंगाल बना देंगे..' - अदाणी पर लगे आरोपों पर बीजेपीGautam Adani Case: अदाणी पर लगे रिश्वत के आरोपों पर Sandeep Chaudhary का बड़ा खुलासा। Rahul Gandhi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
Weather Update: ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
स्ट्रॉन्ग रूम में अगर हो गई चोरी तो क्या दोबारा होंगे चुनाव? जान लीजिए जवाब
स्ट्रॉन्ग रूम में अगर हो गई चोरी तो क्या दोबारा होंगे चुनाव? जान लीजिए जवाब
खून से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं जैकी श्रॉफ, जानें इसके लक्षण और बचाव
खून से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं जैकी श्रॉफ, जानें इसके लक्षण और बचाव
Myths Vs Facts: 11 से 14 साल की उम्र में ही होते हैं हर लड़की को पीरियड्स? जानें क्या है सच
11 से 14 साल की उम्र में ही होते हैं हर लड़की को पीरियड्स? जानें क्या है सच
China Gold Reserves: चीन को मिल गया सोने का सबसे बड़ा खजाना, कीमत इतनी कि सुनकर उड़ जायेंगे आपके होश!
चीन को मिल गया सोने का सबसे बड़ा खजाना, कीमत इतनी कि सुनकर उड़ जायेंगे आपके होश!
Embed widget