श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन की घटना को देखते हुए शाह फैसल ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. कश्मीर और देश की हालात का हवाला देते हुए शाह फैसल ने अपना इस्तीफा केंद्र सरकार को भेज दिया. बता दें कि शाह फैसल साल 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा में टॉपर रहे हैं. टॉप करने वाले वह पहले कश्मीरी हैं. इस्तीफे के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वह राजनीति में कदम रख सकते है. उनके इस्तीफे के बाद नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राजनीति में उनका स्वागत किया.


नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उनका राजनीति में स्वागत करते हुए ट्वीट किया और कहा, ''नौकरशाही का नुकसान राजनीति का फायदा बन सकता है. इस तरफ स्वागत है शाह फैसल.'' इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर दावा किया जाने लगा कि जल्द ही शाह फैसल राजनीति में कदम रख सकते हैं.


शाह फैसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
सिविल सेवा परीक्षा में 2009 में देशभर में अव्वल रहने वाले पहले कश्मीरी होने की वजह से चर्चा में आए. स्टडी लीव पर गए शाह फैसल ने एक ट्वीट किया था. वह पोस्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को नागवार गुजरा और उन्हें नोटिस भेजा गया.


नोटिस को बताया था प्रेम पत्र
नोटिस मिलने के बाद शाह फैसल ने उसकी एक प्रति ट्वीट किया था. फैसल ने लिखा था, दक्षिण एशिया में बलात्कार के चलन के खिलाफ मेरे व्यंग्यात्मक ट्वीट के एवज में मुझे मेरे बॉस से प्रेम पत्र (नोटिस) मिला.


क्यों दिया इस्तीफा
हाल ही में विदेश से प्रशिक्षण लेकर लौटे और पदस्थापना का इंतजार कर रहे थे. इस्तीफे की वजह बताते हुए फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के कारण, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला लिया.


इस्तीफे से पहले सरकार पर बोला हमला
फैसल ने बिना किसी सरकार का नाम लिए हुए कहा कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इस तरह के कदम से देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा, ''मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और यदि हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा.''


शाह फैसल की भावुक अपील
इस्तीफे के बाद शाह फैसल ने अपने फेसबुक पर लिखा कि जो लोग फेसबुक और ट्विटर के जरिए मुझे गाली दे रहे हैं वे लोग आएं और मेरे से मिले. फिर बाद में ये न कहें कि मैंने कोई भी फैसला युवाओं से बिना पूछे लिया. जो लोग आना चाहते हैं मेरे से मिलना चाहते हैं वह अपने कमेंट के जरिए मुझे जरूर बताएं.


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