Supreme Court On Teesta Setalvad: गुजरात दंगों (Gujarat Riots) पर एहसान जाफरी (Ehsan Jafri) की पत्नी जाकिया जाफरी (Zakia Jafri) की याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में खारिज होने के एक दिन बाद गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) की टीम मुंबई (Mumbai) में तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) के घर पहुंचती है. उन्हें हिरासत में लेने के बाद पहले सांता क्रूज पुलिस स्टेशन (Police Station) लाया जाता है फिर पूछताछ के लिए अहमदाबाद (Ahmadabad) ले जाया जाता है और तब से लेकर अब तक तीस्ता जेल में रहीं और पुलिस ने चार्जशीट तक फाइल नहीं की. फिलहाल आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है.


तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं. उन पर विदेश से आए पैसे के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का आरोप है. साल 2013 में अहमदाबाद की गुलमर्ग सोसायटी के 12 निवासियों ने तीस्ता के खिलाफ जांच की मांग की थी. सोसायटी के लोगों ने तीस्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सोसायटी में एक म्यूजियम बनाने के लिए विदेश से करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा कराए, लेकिन उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं हुआ. साल 2014 में क्राइम ब्रांच ने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. तीस्ता को गुजरात दंगों के मामलों में कथित रूप से बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर गुरुवार को कई सवाल पूछे.


क्या कहना है सुप्रीम कोर्ट का?


सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी को लेकर सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि गुजरात हाईकोर्ट की ओर से जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस भेजने के बाद क्यों 6 सप्ताह बाद 19 सितंबर के लिए लिस्ट किया? गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका अर्जी पर 3 अगस्त को राज्य सरकार को नोटिस भेजा था और मामले में सुनवाई की तारीख 19 सितंबर तय की थी.


सुप्रीम कोर्ट के वो तीखे सवाल


गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल किए जो इस प्रकार हैं-



  • तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को 2 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक चार्जशीट फाइल नहीं हुई है.

  • जाकिया जाफरी की सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के अगले दिन ही एफआईआर दर्ज की जाती है.

  • सुप्रीम कोर्ट की ओर से जाकिया केस में जो बात कही गई उससे अधिक एफआईआर में देखने को नहीं मिलता है. एफआईआर में जजमेंट के अलावा कोई कंटेंट नहीं है.

  • गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी इतनी देरी से लिस्ट क्यों की.

  • न तो UAPA और न ही POTA का केस दर्ज, फिर भी 2 महीने से कस्टडी में रखा हुआ है.


इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने कहा कि मामले को लेकर शुक्रवार दोपहर 2 बजे यानी आज सुनवाई की और उन्हें अंतरिम जमानत दे दी. हमें ऐसी कोई मिसाल दें जिसमें ऐसे मामलों में किसी महिला (Woman) आरोपी को हाईकोर्ट (High Court) से तारीख मिली हो. या तो ये महिला अपवाद हैं. क्या ये गुजरात (Gujarat) में मानक व्यवस्था है? 25 जून को कस्टडी (Custody) में लिया जाता है और इन दो महीनों के बीच जांच से जुड़े कौन से सबूत जुटाए हैं. 


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