प्लान नंबर-1
कश्मीर से आतंक का सफाया
प्लान नंबर-2
अमरनाथ यात्रा की चाकचौबंद सुरक्षा
प्लान नंबर-3
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर किलेबंदी
प्लान नंबर-4
जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370
फिलहाल ये चार बड़े प्लान ऐसे हैं जिन पर देश के नए गृह मंत्री अमित शाह का सबसे ज्यादा फोकस माना जा रहा है. लेकिन अभी उनके एजेंडे में टॉप पर अमरनाथ यात्रा है.
जम्मू कश्मीर के हालातों के बीच अमरनाथ यात्रा यूं भी सरकार के लिए हर साल एक बड़ी चुनौती होती है. इस बार अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई शुरू हो रही है और 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा को हिमालय पर इस बड़ी धार्मिक यात्रा का समापन हो जाएगा. अमरनाथ यात्रा 46 दिनों तक चलेगी. फिलहाल अमित शाह के टॉप एजेंडे में इन्हीं 46 दिन का चैलेंज है, उन 46 दिनों के दौरान सब कुछ सही-सलामत रहे, इसके लिए सुरक्षा बलों ने एक बड़ी तैयारी की है.
जम्मू कश्मीर में सक्रिय टॉप-10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की हिटलिस्ट इसी कसरत का हिस्सा बताया जा रहा है. जिन आतंकियों के खात्मे की योजना बनी है उनमें शामिल हैं-
- हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज अहमद नायकू
- लश्कर-ऐ-तैयबा का कमांडर वसीम अहमद उर्फ ओसामा..
- हिज्बुल आतंकी अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी
- श्रीनगर का हिजबुल आतंकी डॉक्टर सैफुल्ला उर्फ सैफुल्ला मीर उर्फ सैफ
- हिज्बुल का बारामूला जिला कमांडर मेहराजुद्दीन
- बालाकोट से आतंक की ट्रेनिंग लेकर लौटा पुलवामा का हिजबुल कमांडर अरशद उल हक
- तालिबानी आतंकियों के साथ नाटो सेना से अफगानिस्तान में लड़ चुका जाहिद शेख उर्फ उमर अफगानी
- पाकिस्तान से आया जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी हाफिज उमर
- अल बदर आतंकी समूह का उत्तरी कश्मीर डिविजनल कमांडर जावेद मट्टू उर्फ फैजल उर्फ मूसा
- हिजबुल का कुपवाड़ा जिला कमांडर एजाज अहमद मलिक
हिटलिस्ट में कश्मीर घाटी के जो 10 सबसे खतरनाक आतंकी हैं, अब उनका सफाया होगा और सब चुन-चुनकर मारे जाएंगे. सूत्रों से पता चला है कि टॉप टेन आतंकियों की ये लिस्ट देश की सुरक्षा एजेंसियों ने तैयार की है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई मीटिंग के बाद ये हिटलिस्ट तैयार की गई. बताया जा रहा है कि ये लिस्ट इंटेलीजेंस ब्यूरो, पैरा-मिलिट्री फोर्स, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिले इनपुट्स के आधार पर तैयार की गई है.
जम्मू कश्मीर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है इसलिए अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के सिलसिले में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक भी हो चुकी है. पूरे प्लान को उसी दौरान फाइनल किया गया. दरअसल टॉप टेन आतंकियों को निपटाने की योजना भले ही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को देखते हुए की जा रही हो, लेकिन इसका मकसद ज्यादा बड़ा है. घाटी में आतंक के बचे-खुचे बड़े चेहरों को खत्म करके मोदी सरकार ने आतंक की कमर तोड़ने का इरादा जताया है जिसमें अहम सूत्रधार गृहमंत्री अमित शाह होंगे
सूत्रों से पता चला है कि मिशन कश्मीर के तहत भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर की किलेबंदी करना भी अमित शाह की प्राथमिकता में है, इसके लिए शाह ने तीन अहम निर्देश दिए हैं. ये हैं-भारत-पाकिस्तान सीमा पर 3 लेवल की सुरक्षा व्यवस्था, कंट्रोल रूम और सुरक्षा जांच केंद्रों को बढ़ाना, इंटेलीजेंस को और मजबूत करना.
बताया जा रहा है कि इस समय अमित शाह का सबसे ज्यादा फोकस जम्मू कश्मीर पर है. उनकी लीडरशिप में गृह मंत्रालय भी एक्शन में है. वैसे उनके गृह मंत्री बनने के बाद ये चर्चायें तेज होने लगी थीं कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से कोई पहल की जा सकती है. अमित शाह हाल की चुनावी रैलियों में भी इस मुद्दे को ज़ोर शोर से उठाते रहे हैं. वैसे अऩुच्छेद 370 बीजेपी का कोर मुद्दा रहा है. इस बार के चुनावी घोषणापत्र में भी बीजेपी ने उसका जिक्र किया है, इसमें लिखा गया है कि हम अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए जनसंघ के समय से उठाई जा रही मांग को दोहराते हैं.
बीजेपी के संकल्प पत्र में अनुच्छेद 370 को लेकर जनसंघ की राह पर चलने की बात कही गई है. वही जनसंघ जिससे बीजेपी का जन्म हुआ...वही जनसंघ जिसकी स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी. इसका मतलब ये हुआ कि बीजेपी कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा करना चाहती है.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर के अलग झंडे और अलग विधान के सख्त खिलाफ थे. उन्होंने तो अनुच्छेद-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी. तो क्या मोदी और शाह के दौर में अनुच्छेद 370 को लेकर उन्हीं के रास्ते पर चला जाएगा. फिलहाल सब भविष्य के गर्भ में है. लेकिन अमित शाह के काम का जो अंदाज है उसे देखकर इतना तो लगभग तय है कि बतौर गृह मंत्री अमित शाह से कुछ बड़े फैसलों की उम्मीद सबको है.