नई दिेल्लीः राजस्थान के मुस्लिम मंत्री को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा है. कहा जा रहा है कि मंत्री जी ने मंदिर में जाकर भोलेनाथ की पूजा की है. मुस्लिम समुदाय का एक तबका मंत्री जी से नाराज है और सोशल मीडिया पर मोर्चा खोले हुए है.



सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें सफेद कुर्ता पायजामा पहने और सिर पर लाल टोपी रखे एक व्यक्ति पूजा कर रहा है. सामने बैठे पंडित जी मंत्रोंच्चार कर रहे हैं. पूजा पाठ की ये तस्वीरें भले सामान्य दिख रही हों लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर संग्राम शुरू हो गया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि तस्वीरों में पूजा करते दिख रहे शख्स का नाम सालेह मोहम्मद है और वो राजस्थान की गहलोत सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. मुस्लिम मंत्री के पूजा पाठ करने को लेकर कुछ लोग सोशल मीडिया पर निशाना साधने लगे.


एक यूजर ने लिखा-
राजस्थान में मुस्लिम मंत्री सालेह मोहम्मद ने मंदिर में की पूजा, ऐसे ही जमीर फरोश लोगों की वजह से पूरी मुस्लिम कौम बदनाम होती है.



एक शख्स ने लिखा-
गहलोत सरकार के उर्दू नाम वाले "जुम्मन" मंत्री (सालेह मोहम्मद) ने शिव मंदिर में पूजा कर दिया खुद को जुम्मन होने का सबूत


मुस्लिम मंत्री के मंदिर में पूजा करने को लेकर जहां एक तरफ कुछ लोग विरोध करने लगे वहीं कुछ इसके समर्थन में भी उतर गए.


एक यूजर ने लिखा
पोकरण सीट से विधायक और मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे सालेह मोहम्मद ने राजस्थान की गहलोत सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री बनने के बाद यहां के शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक किया, हिंदुस्तान ऐसा ही है.



मुस्लिम मंत्री के मंदिर जाने को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया लेकिन सवाल यही उठता है कि क्या सच में जैसा दावा किया जा रहा है वैसा हुआ है? क्या गहलोत सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद ने पोकरण में मंदिर जाकर पूजा की है? एबीपी न्यूज़ ने पड़ताल शुरू की तो पता चला मंत्री बनाए जाने के बाद सालेह मोहम्मद पहली बार अपने जिले जैसलमेर पहुंचे थे जहां उन्होंने शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया.


जैसलमेर के पोकरण से विधायक सालेह मोहम्मद धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे हैं. मंत्री बनने के बाद रविवार को पहली बार अपने क्षेत्र में पहुंचे सालेह मोहम्मद सीधे शिव मंदिर पहुंचे. मंदिर में पूजा करने के बाद सालेह मोहम्मद ने कहा कि भगवान किसी खास जाति या समुदाय के नहीं होते और ना ही हिंदू मुस्लिम के होते हैं. सबकी अपनी आस्था है. हम गंगा जमुनी तहजीब को मानने वाले हैं. बाबा रामदेव में हिंदू मुस्लिम दोनों की काफी आस्था है.


मंदिर के पुजारी ने भी बताया कि ये पहली बार नहीं है. सालेह मोहम्मद पहले भी कई बार यहां पूजा पाठ कर चुके हैं. गहलोत सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री सालेह मोहम्मद ने करीब आधे घंटे तक शहद और दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया. हमारी पड़ताल में राजस्थान के एकमात्र मुस्लिम मंत्री के मंदिर में पूजा करने का वीडियो सही साबित हुआ है.