नई दिल्लीः पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन को वीर चक्र से नवाजा जाएगा. अभिनंदन ने मिग- 21 लड़ाकू विमान से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इस दौरान अभिनंदन का फाइटर प्लेन भी क्रैश हो गया था. इसके बाद अभिनंदन का पैराशूट पीओके में पहुंच गए थे जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया था.
कैसे पाकिस्तान पहुंचे अभिनंदन?
दरअसल 27 फरवरी को पाकिस्तान की ओर से कई विमानों ने भारतीय हवाई सीमा का उल्लंघन किया. पाकिस्तान के हवाई हमले को वायुसेना ने बेअसर किया और एक एफ-16 विमान को नेस्तनाबूद कर दिया.
पाकिस्तान के जहाजों को खदेड़ते हुए भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया और वो पैराशूट के जरिए विमान कूद गए. उतरने के दौरान वह एलओसी में पहुंच गए. इसके बाद वहां उन्हें लोगों ने उन्हें घेर लिया. बाद में पाकिस्तान की सेना ने अभिनंदन को अपने कब्जे में ले लिया.
बहादुर विंग कमांडर ने हिम्मन नहीं खोई
गिरने के बाद तो विंग कमांडर को पता नहीं चला कि वे कहां हैं लेकिन जैसे ही उन्हें ये आभास हुआ कि वे पाकिस्तान में हैं तो उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज तालाब में फेंक दिए और कुछ को चबाकर निगल गए.
ऐसा उन्होंने इसलिए किया जिससे की देश के बारे में अहम जानकारी दुश्मनों को हाथ न लगे. गिरने के बाद वहां के लोगों ने उनपर हमला भी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं खोई.
पाकिस्तान का झूठ
जब भारत सरकार को आधिकारिक तौर पर पता चला तो बिना शर्त उन्हें वापस लौटाने के लिए कहा. ये भारत की कूटनीति का ही दबाव था कि पाकिस्तान की सरकार ने तुरंत फैसला लिया कि विंग कमांडर अभिनंदन को भारत को वापस लौटाया जाए.
खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 फरवरी को वहां की संसद में इस बात का एलान किया कि विंग कमांडर को भारत वापस भेजा जाएगा.
मिग से अभिनंदन का है पुराना रिश्ता
अभिनंदन के पिता एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) सिंहकुट्टी वर्तमान भी मिग-21 उड़ा चुके हैं.
अभिनंदन के पिता भारतीय वायुसेना के ‘टेस्ट पायलट’ रह चुके हैं.
पारिवारिक मित्रों के मुताबिक अभिनंदन के दादा भी भारतीय वायुसेना में थे.
अभिनंदन की बहन अदिति फ्रांस में रहती हैं और उनके पति एक फ्रांसीसी नागरिक हैं.
अभिनंदन को सुखोई-30 लड़ाकू विमान उड़ाने का भी लंबा अनुभव है.
दिल्ली में हासिल की उच्च शिक्षा
अभिनंदन ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय बेंगलुरु से की है. उच्च शिक्षा दिल्ली में पूरी की.
अभिनंदन खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं.
अभिनंदन की पत्नी तन्वी मारवाह भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर पद पर रही हैं.
DETAIL: विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तान पहुंचने से लेकर देश लौटने तक का पूरा घटनाक्रम